जबलपुर, संदीप कुमार। जूनियर डॉक्टरों के बाद अब राज्य सरकार के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की नर्सेस (Nurses) ने आंदोलन छेड़ दिया है, अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पहले भी नर्सेस (Nurses)ने राज्य सरकार को सांकेतिक हड़ताल के जरिए चेतावनी दी थी जिसके बाद 30 जून तक सरकार ने इनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया था पर आज जब इनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो एक बार पुनः प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज सहित सरकारी अस्पतालों में पदस्थ नर्सेस ने अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) कर दी है, इस हड़ताल के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और मरीज परेशान हो रहे हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College) में भी हड़तालजबलपुर का नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा इलाज का ठिकाना है, मेडिकल कॉलेज में दूरदराज से आए मरीजों का इलाज किया जाता है, मरीजों की देखभाल का ज़िम्मा ज्यादातर नर्सेस पर ही होता है पर आज जबलपुर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ तमाम नर्सेस ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर दी है इस हड़ताल के बाद से ना ही मरीजों की देखभाल हो पा रही है और ना ही उनका इलाज सही ढंग से हो रहा है ऐसे में निश्चित रूप से नर्सेस हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी झेलना पड़ रही है।
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यह है नर्सेस की मांगे
मेडिकल कॉलेज सहित सरकारी अस्पताल में अस्थाई नर्स पदस्थ हैं उन्हें स्थाई करने की मांग हड़ताल के जरिए की जा रही है, इसके अलावा पेंशन लागू करने और कोरोना काल मे जिन नर्सेस की मौत हुई थी उन्हें शहीद का दर्जा सहित परिजनों को नौकरी और 55 लाख रुपए की मांग की हड़ताल के जरिए राज्य सरकार से मांग की गई है, आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गई नर्सेस ने राज्य सरकार पर धोखा देने का आरोप भी लगाया साथ ही कहा है कि अब जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाएगा तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
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मेडिकल कॉलेज सहित तमाम सरकारी अस्पतालों की नर्स हुई लामबंद
राज्य सरकार से 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर गई नर्सेस ने पहले भी बातचीत की थी पर जब उनकी मांगों पर सरकार के द्वारा अमल नहीं किया गया तो आखिरकार आज से प्रदेश भर की तमाम नर्सों ने हड़ताल का रास्ता अख्तियार किया है, बात करें अगर जबलपुर मेडिकल कॉलेज की तो यहां पर पदस्थ सभी 800 नर्सेस ने काम बंद हड़ताल कर परिसर के बाहर बैठ गई हैं, वही जिला अस्पताल में पदस्थ 100, लेडी एल्गिन अस्पताल में 100 नर्सेस के अलावा सिविल अस्पताल रांझी, पनागर,पाटन में भी नर्सेस ने भी काम बंद कर दिया है।