जबलपुर| प्रदेश में शिवराज सरकार बदलते ही कई मनोनीत पद भी खाली होना शुरू हो गए हैं। अब इन सभी खाली हुए पदों पर नई नियुक्तियां की जाएंगी। प्रदेश सरकार बदलने के बाद खाली हुए पदों में सबसे महत्वपूर्ण पद जो खाली हुआ है वह महाधिवक्ता का पद है। प्रदेश में सरकार बदलते ही अभी महाधीवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव प्रदेश के महाधिवक्ता पड़ से इस्तीफा दे दिया था।
दरअसल पुरुषेन्द्र कौरव ने शिवराज सिंह को डंपर मामले में बचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी, इसलिए शिवराज सिंह ने उन्हें महाधिवक्ता बनाया था. लेकिन जैसे ही सरकार बदली वैसे ही महाधिवक्ता कार्यालय भी खाली हो गया. अब बदली हुई परिस्थितियों में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के दौरान कई मुद्दों पर सवाल उठाए थे. विपक्ष में होने की वजह से कांग्रेस इन मुद्दों पर सही तरीके से कुछ कर नहीं पाई थी।इसमें व्यापमं की गड़बड़ी और ई टेंडरिंग जैसे दो ऐसे बड़े मुद्दे हैं, जिसकी फाइलें दोबारा खोली जा सकती हैं. जाहिर सी बात है कि अगर इन मुद्दों पर गहराई से जांच की जाएगी, तो कुछ बड़े घोटाले सामने आएंगे. लेकिन इनको सही ढंग से कोर्ट के सामने रखने के लिए योग्य वकीलों की जरूरत पड़ेगी. इसलिए यह तो तय माना जा रहा है कि महाधिवक्ता का फैसला कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ही करेंगे. अभी जिन वकीलों के नाम सामने आए हैं, उनमें सीनियर एडवोकेट राजेंद्र तिवारी, शशांक शेखर, अजय मिश्रा और भोपाल के एडवोकेट अजय गुप्ता का नाम शामिल है।