जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश की सभी अदालतों में 23 नवंबर से प्रायोगिक तौर पर सामान्य कामकाज प्रारंभ हो रहा है। यह प्रायोगिक व्यवस्था 5 दिसंबर तक लागू रहेगी। इसके बाद कोरोना गाइडलाइन के तहत समीक्षा की जाएगी और यदि संक्रमण फैलने का खतरा ना बढ़ा तो सामान्य कामकाज जारी रहेगा। इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव ने आदेश जारी कर दिए हैं जिससे वकीलों को बहुत बड़ी राहत मिली है।
मार्च माह से कानूनी कामकाज है ठप
कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च माह से ही प्रदेश की सभी अदालतों में कामकाज बंद है। हाईकोर्ट में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अर्जेंट मामलों की सुनवाई हो रही है। अदालती कामकाज बंद होने की वजह से वकीलों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है और इस परेशानी को दूर करने के लिए हाई कोर्ट बर एसोसिएशन और मध्य प्रदेश बार काउंसिल के पदाधिकारियों ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव से निवेदन किया था जिस पर उन्होंने आदेश जारी करते हुए प्रदेश की सभी अदालतों में सामान्य कामकाज प्रारंभ करने के आदेश जारी किए हैं।
अब प्रत्यक्ष रूप से होगी सुनवाई
हाइकोर्ट चीफ जस्टिस के आदेश के बाद अब प्रत्यक्ष रूप से सुनवाई शुरू होनी वाली है जिसमें जमानत, आपराधिक मामले, बीमा क्लेम, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के द्वारा तय की गई समय सीमा वाले मामले प्राथमिकता के आधार पर चुने जाएंगे। सभी अदालतों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जरूरी होगा।
वकीलों को बड़ी राहत
बार काउंसिल के सदस्य एडवोकेट आर के सैनी ने बताया की अदालतों में सामान्य कामकाज प्रारंभ होने से सभी वकीलों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वकीलों के पास काम न होने के चलते धीरे धीरे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही थी। ऐसे में कोर्ट को खोलने के आदेश सभी वकीलों के लिए एक राहत लेकर आया है।