जबलपुर में एक हजार करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हो चुका प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर ब्रिज का सुख जनता को आखिर कब मिलेगा। मार्च माह में ब्रिज का लोकार्पण होना था, पर जून आ गया, अभी भी महाकौशलवासियों को इंतजार है फ्लाईओवर ब्रिज का। कांग्रेस का आरोप है कि मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सिंह एवं जबलपुर के सांसद आशीष दुबे के बीच चल रही आपसी खींचतान एवं श्रेय लेने की राजनीति के कारण आज तक इस फ्लाईओवर का विधिवत लोकार्पण नहीं हो पाया है, लिहाजा कांग्रेस ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि अविलंब फ्लाईओवर ब्रिज का लोकार्पण कर जनता को राहत दी जाए।
चार दिन का अल्टीमेटम
कांग्रेस ने जिला राज्य सरकार को चार दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर इसके बाद भी इस और ध्यान नहीं दिया गया जनता का फ्लाईओवर ब्रिज जनता के हाथों होगा उद्घाटन। सोमवार को कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि जिले के लोक निर्माण मंत्री और सांसद के बीच चल रही आपसी खींचतान का खामियाजा जबलपुर सहित आसपास के जिलों की आम जनता को उठाना पड़ रहा है। फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बावजूद केवल राजनीतिक कारणों से जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। शहर में लगातार बढ़ते ट्रैफिक, दुर्घटनाओं की आशंका एवं रोजाना हो रही असुविधा के लिए सीधे तौर पर भाजपा सरकार जिम्मेदार है।

कांग्रेस खुद करेगी उद्घाटन
शहर (जिला) कांग्रेस कमेटी का स्पष्ट कहना है कि यदि शीघ्रातिशीघ्र इस फ्लाईओवर का लोकार्पण नहीं किया गया, तो कांग्रेस पार्टी स्थानीय जनप्रतिनिधि और आम जनता के साथ स्वयं इस फ्लाईओवर का उद्घाटन करेगी और जनता को उसका अधिकार दिलाया जाएगा। सौरभ शर्मा ने कहा कि यह केवल राजनीतिक जिद का मामला नहीं है, जबलपुर की जनता के अधिकारों और सुविधाओं से जुड़ा सवाल है। कांग्रेस पार्टी हमेशा जनता के पक्ष में रही है और आगे भी उनके हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी। कांग्रेस नगर अध्यक्ष ने कहा कि कुछ माह पहले देखा गया था कि जबलपुर सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर अन्नू और अन्य कार्यकर्ताओं के साथ फ्लाईओवर ब्रिज का निरिक्षण करने पहुंचे, तब जानकारी देने के बाद भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे थे, जिससे कि सांसद नाराज हो गये और उन्होंने अफसरों पर नाराजगी व्यक्त की। निरीक्षण के बाद आशीष दुबे संभागायुक्त ऑफिस पहुंचे और अधिकारियों की कार्यशैली की शिकायत की। इस घटना के बाद भाजपा की अंदरूनी राजनीति भी गर्मा गई थी।