जबलपुर, संदीप कुमार। बिजली विभाग (electricity department) में पदस्थ अधिकारियों ने सिटी सर्किल लेवल पर विद्युत उपभोक्ता निवारण फोरम में फर्जी नियुक्ति (fake appointments) कर दी। बताया जा रहा हैं कि बिजली विभाग में बैठे अधीक्षण अभियंता ने सिटी सर्किल लेबर पर विद्युत निवारण फोरम में 5 लोगों की फर्जी नियुक्ति कर डाली। बिजली विभाग के जिन अधिकारियों ने विद्युत निवारण प्रकोष्ठ में जिन सदस्यों की नियुक्ति की थी उन सदस्यों को ना ही इसकी जानकारी हैं और ना ही कभी बिजली निवारण की बैठक हुई। मध्य प्रदेश कांग्रेस बिजली समस्या निवारण प्रकोष्ठ ने फर्जी नियुक्ति का खुलासा करते हुए बताया कि 3 दिन पहले कांग्रेस पार्टी ने एस.ई सिटी सर्किल को ज्ञापन सौंपकर मांग की थी कि नियामक आयोग के निर्देशअनुसार सिटी सर्किल लेवल पर विद्युत निवारण फोरम गठित की जानी चाहिए और उसकी सूची बिजली विभाग को सार्वजनिक भी करनी होगी।
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बिजली विभाग ने विद्युत विभाग फोरम की लिस्ट सार्वजनिक स्तर पर जारी की जिसमें कि 2 अधिकारियों सहित पांच बाहरी सदस्यों के नाम का उल्लेख किया गया हैं। मध्य प्रदेश बिजली विभाग ने विद्युत उपभोक्ता फोरम में जिन सदस्यों की नियुक्ति की है उन सदस्यों को इसकी जानकारी ही नहीं। विद्युत विभाग के द्वारा जारी की गई सूची में क्रमांक 3 से लेकर 7 तक जो बाहरी सदस्यों का उल्लेख किया गया है, उनमें से एक भी व्यक्ति को यह नहीं पता था कि विद्युत निवारण फोरम का सदस्य नियुक्त किया गया है, समिति में जिस देवेश निगम का नाम बिजली विभाग के अधिकारियों ने शामिल किया है, वो सेवा निवृत्त कार्यपालन अभियंता भ्रष्टाचार के आरोप में नौकरी के दौरान जेल भी जा चुके हैं।
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विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम में कार्यपालन अभियंता शहर संभाग पश्चिम सुनील कुमार सिन्हा को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि रविंद्र कुमार पटेल कार्यपालन अभियंता शहर संभाग उत्तर सदस्य इसके अलावा नब्बू पटेल, रजनी सिंह, बलदीप सिंह चड्ढा, वंदना पासवान और सेवानिवृत देवेश निगम को सदस्य बनाया गया है।