जबलपुर।संदीप कुमार
देश की केंद्रीय सुरक्षा संस्थान गन कैरिज फैक्ट्री जहाँ की सबसे शक्तिशाली धनुष तोप का निर्माण किया जाता है।इसी धुनष तोप में चीनी कलपुर्जे लगाने का मामला सामने आया था।इस पूरे फर्जीवाड़े में फैक्टरी में पदस्थ जूनियर वर्क्स मैनेजर एससी खाटूआ का नाम सामने आया।पूछताछ के लिए सीबीआई ने खाटूआ को दिल्ली बुलाया पर वो वहाँ जाते की उससे पहले ही उनकी हत्या कर दी गई।
दो साल से ज्यादा बीत गए पर हत्यारे अभी भी फरार
गन कैरिज फैक्ट्री में पदस्थ रहे एससी खाटूआ ही क्रय-विक्रय का हिसाब रखा करते थे।धनुष तोप में आखिर कैसे चायनीज बैरिंग का इस्तेमाल हो गया और आखिर कौन इस मामले में संलिप्त था इसकी दिल्ली सीबीआई जांच कर रही थी।10 जनवरी 2019 को सीबीआई इस फर्जीवाड़े की तह तक जाने के लिए जबलपुर आती है जहाँ सीबीआई जेडब्ल्यूएम खाटूआ के ऑफिस और घर पर छापा मारते हुए कई दस्तावेजो को बरामद करती है साथ ही खाटूआ को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाती है।खाटूआ दिल्ली जाते के उससे पहले उनकी हत्या हो जाती है।लाश पाटबाबा के जंगलो में मिलती है।अभी तक जांच में असफल जबलपुर पुलिस एक बार फिर खाटूआ हत्याकांड में दस हजार रु के ईनाम को बढ़ाकर पच्चीस हजार रु कर देती है।जबलपुर रेंज के आईजी भगवत सिंह चौहान भी मानते है कि खाटूआ हत्याकांड के मामले में पुलिस असफल रही है।
मृतक एससी खाटूआ के पास थी अहम जानकारी
धनुष तोप से जुड़े कलपुर्जो की खरीद को लेकर खाटूआ के पास बहुत सारी जानकारी थी।उनको शायद ये भी पता था कि धनुष तोप में आखिर किसने चायनीज बैरिंग लगाने के निर्देश दिए थे।बाद में जब बालासुर रेँज में धनुष तोप का परीक्षण हुआ और वो फेल हो गई तब पता चला कि तोप में चायनीज बैरिंग लगे हुए है।
आल इंडिया डिफेन्स एम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का सनसनीखेज आरोप
aidef के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक का इस पूरे घटनाक्रम में सनसनीखेज बयान सामने आया है।उन्होंने कहा है कि चाहे सीबीआई जाँच कर ले या जबलपुर पुलिस कोई भी खाटूआ के हत्यारो को नही पकड़ सकता है।रक्षा मंत्रालय में बहुत बड़े बड़े लोग शामिल है जो कि पलक झपकते ही अपने रास्ते में आने वाले लोगो को अलग कर देते है।उन्होंने कहा कि जब जस्टिस लोढ़ा की हत्या करने वालो को सीबीआई नही तलाश कर पाई तो जूनियर वर्क्स मैनेजर खाटूआ के हत्यारो को क्या सीबीआई और पुलिस पकड़ेगी।आईजी-डीआईजी-एसपी आएंगे चले जायेंगे।आज दो साल बाद जब पुलिस और सीबीआई के हाथ जब खाली है तो आगे भी कुछ नही हो सकता।
गन कैरिज फैक्ट्री में बनती है धनुष तोप
जबलपुर के जीसीएफ फैक्टरी में सेना के लिए धनुष तोप बनाई जाती है ये तोप देश की सबसे शक्तिशाली तोप है।जनवरी 2019 में इसी तोप में लगाए जाने वाले बेयरिंग को लेकर एससी खाटूआ का नाम सामने आया था।आगे की जांच बढ़ती इससे पहले ही उसकी हत्या कर दी गई।असफल जबलपुर पुलिस में एक बार फिर खाटूआ हत्याकांड की फाइल खोली है ईनाम की राशि 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रु कर दी है।