जबलपुर स्कूल से बंक मारकर चार बच्चें पहुंचे भेड़ाघाट, परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने ढूंढा

Shashank Baranwal
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Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के तिलवारा स्कूल में पढ़ने वाले चार छात्र गुरुवार की सुबह स्कूल जाने के लिए निकले थे। लेकिन बिना किसी को कुछ बताए भेड़ाघाट चले गए। गुरुवार की रात तक जब बच्चे घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने तिलवारा पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर चारों बच्चों की गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू कर दी थी।

पुलिस की जांच पड़ताल में चारो बच्चे शुक्रवार की दोपहर को भेड़ाघाट में मिले। चारों बच्चे 6वीं से 8वीं में पढ़ते है। गुरुवार की सुबह दस बजे चारो ही बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर घर से स्कूल के लिए निकले। लेकिन स्कूल से बंक मारकर सीधे भेड़ाघाट चले गए। वहीं मस्ती में बच्चे इतने मस्त थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब रात हो गई। जहां चारों बच्चों ने भेड़ाघाट में ही पत्थरों के बीच ठंड में आगर चलाकर बिताई। वहीं बच्चों ने घर से बीस-बीस रुपए भी लिए थे। तिलवारा थाना प्रभारी ने बताया कि बच्चे भेड़ाघाट के पास पत्थरों के बीच बैठे हुए मिले थे। जिन्हें वहां से लाकर उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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