जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील का मझगांव-केवलारी क्षेत्र है जो पहले से ही अपने खनिज संपदा के लिए जाना जाता है, अब सोने की संभावनाओं को लेकर सुर्खियों में है। हालांकि, यह खबर चर्चा का विषय बन गई है, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जिला खनिज अधिकारी अशोक राय ने स्पष्ट किया है कि उनके विभाग के पास ऐसी कोई जांच रिपोर्ट नहीं है, जो यहां सोना होने की पुष्टि करती हो।
बता दें सिहोरा तहसील के इस क्षेत्र में आयरन, बॉक्साइट, डोलोमाइट, मार्बल और चूना पत्थर जैसे खनिजों की खदानें पहले से ही मौजूद हैं और उनमें खुदाई का काम जारी है। इसी दौरान कुछ नमूनों की जांच के बाद, यहां सोना मिलने की संभावना जताई गई है। लेकिन माइनिंग विभाग के अधिकारियों ने इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया है। उनका कहना है कि जब तक रिसर्च पूरी नहीं हो जाती, तब तक इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है।
GSI और NACL EMD जैसी संस्थाएं निभा रही महत्वपूर्ण भूमिका
यह खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत सरकार ‘क्रिटिकल मिनरल’ में आत्मनिर्भर बनने के लिए तेजी से काम कर रही है। डीजी आशित शाह ने हाल ही में बताया कि इस क्षेत्र से जुड़े सभी संगठन मिलकर इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि देश के लिए सही रास्ता क्या है। GSI और NACL EMD जैसी संस्थाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
प्रदेश में 40 से अधिक खनिजों की खोज की जा रही है
मध्य प्रदेश में खनिज अन्वेषण का काम जोर-शोर से चल रहा है। राज्य में हाल ही में ग्रेफाइट और गैडोलीनियम जैसे खनिज पाए गए हैं, जिनका ऑक्शन भी हो चुका है। इसके अलावा, झाबुआ में फॉक्स राइट और REV जैसे मिनरल भी मिले हैं। इस साल प्रदेश में 40 से अधिक खनिजों की खोज की जा रही है और उम्मीद है कि इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। सिहोरा में सोने की संभावना भी इसी दिशा में एक कदम हो सकती है, लेकिन जब तक पूरी तरह से शोध नहीं हो जाता, तब तक कुछ कहना मुश्किल है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट





