जबलपुर में जीआरपी ने की बड़ी कार्रवाई, अवैध गांजे के साथ नाबालिक सहित 2 तस्करों को किया गिरफ्तार

जीआरपी पुलिस ने गांजा तस्करों से कुल 12 किलो अवैध गांजा बरामद किया है। जिसकी कीमत करीब 2 लाख 40 हजार रुपए बताई जा रही है।

Shashank Baranwal
Published on -
Jabalpur

Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर से बड़ी खबर सामने आई है। जहां जीआरपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्लेटफॉर्म नं. 1 से गांजा की तस्करी करने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, जबलपुर ट्रेनों के माध्यम से अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए जीआरपी पुलिस के द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत यह कार्रवाई की गई है।

2 लाख 40 हजार रुपए बताई जा रही कीमत

जबलपुर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी पुलिस प्लेटफार्म नं 1 में गश्त लगा रही थी। इस दौरान पुलिस को एक संदिग्ध युवक हाथ मे बैग लिया दिखाई दिया। जिसके साथ एक नाबालिक बालक भी हाथ मे बैग लिए हुए थे। वहीं दोनों पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगे। जिसका पीछा करते हुए जीआरपी पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। वहीं दोनों के बैगों की तलाशी ली गई तो उसमें से 12 किलो अवैध गांजा बरामद हुआ। जिसकी बाजार में कीमत करीब 2 लाख 40 हजार रुपए बताई जा रही है। पुलिस द्वारा जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो एक आरोपी ने अपना नाम सकलदीप, थाना पाटन झारखंड का होना बताया। बहरहाल जीआरपी पुलिस ने गांजे को जब्त करते हुए दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें पुलिस द्वारा आरपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही की गई।

झारखंड से गोवा ले जा रहे थे आरोपी

वहीं इस मामले में जीआरपी एएसपी रेल, इसरार मंसूरी ने बताया की आरोपियों से पूछताछ में पता चला की आरोपी झारखंड से शक्तिपुंज से मादक पदार्थ गांजा लेकर गोवा लेकर जा रहे थे। जिन्हें प्लेटफार्म नं 1 में घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया गया हैं। वहीं उनसे आगे की पूछताछ जारी है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News