Jabalpur News: MPPSC की परीक्षा को लेकर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, जज ने आयोग को दिया ये जरूरी निर्देश

याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल ने मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च को रखा है। हाईकोर्ट ने सरकारी पक्ष के वकील को यह भी कहा है कि इस पूरे मामले की सूचान आयोग को सौंपे और सचिव को भी बुलाएं।

High Court

Jabalpur News: MPPSC की परीक्षा को लेकर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जहां जस्टिस विवेक अग्रवाल ने लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। इस दौरान लोक सेवा आयोग को हाई कोर्ट ने निर्देश दिए हैं। दरअसल, MPPSC प्री एग्जाम 2023 में पेपर में कुछ ऐसे सवाल दिए गए थे, जिनके जवाब ठीक नहीं थी। लिहाजा परीक्षा से कई छात्र बाहर हो गए। वहीं MPPSC के रिजल्ट को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

7 मार्च को होगी अगली सुनवाई

हाई कोर्ट ने लोक सेवा आयोग से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है, जिसके लिए MPPSC ने 12 मार्च तक का समय हाई कोर्ट से मांगा था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने कोर्ट को बताया कि MPPSC की मेंस परीक्षा 11 मार्च को होना है। ऐसे में अगर 12 मार्च को सुनवाई होती है तो इसका कोई औचित्य ही नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल ने मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च को रखा है। हाईकोर्ट ने सरकारी पक्ष के वकील को यह भी कहा है कि इस पूरे मामले की सूचान आयोग को सौंपे और सचिव को भी बुलाएं। हाई कोर्ट ने इस केस में याचिका दायर करने वाले 50 छात्रों को भी मेंस एग्जाम में बैठने को लेकर फॉर्म भरने के लिए लोक सेवा आयोग को पोर्टल खोलने के निर्देश दिए हैं। अब इस मामले की अंतिम सुनवाई 7 मार्च को होनी है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News