शिक्षक भर्ती में लेटलतीफी पर हाई कोर्ट नाराज, शासन से 7 दिन में जवाब मांगा

न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकल पीठ में इस याचिका की सुनवाई हुई, याचिकाकर्ता के वकील द्वारा प्रस्तुत तथ्य सुनने के बाद कोर्ट ने    शासन को आदेश दिया है कि सात दिन में जबाब प्रस्तुत करे और ये स्पष्ट करे कि रिक्त पद होने के बावजूद भर्ती क्यों नहीं की जा रही  हैं।  

Jabalpur HC

Jabalpur News : मध्य प्रदेश में एक तरफ नई नियुक्तियों के नियुक्ति पत्र वितरित किये जा रहे हैं वहीं कुछ अभ्यर्थी अभी भी नियुक्ति पाने के इंतजार में हैं, उन्होंने इसके लिए कोर्ट का दरवाजा भी  खटखटाया है, इसी क्रम में हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने माध्यमिक शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर भर्ती नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई है और शासन से 7 दिन में जवाब तलब किया है। 

दरअसल माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 के बचे हुए पदों को सरकार नहीं भर रही इसके खिलाफ साक्षी पटेल और अन्य ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका 30 जनवरी को प्रस्तुत की है, याचिका में कहा गया कि आरटीआई से  मिली जानकारी के अनुसार अभी भी 2237 पद खाली है जिसे शासन भर नहीं रहा।

RTI में शासन ने बताई खाली पदों की संख्या 

याचिकाकर्ता के वकील धीरज तिवारी ने कोर्ट को बताया वर्ष 2018 में माध्यमिक शिक्षक के 5670 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, उन्होंने  RTI लगाकर 2018 की भर्ती के रिक्त पदों की जानकारी मांगी जिसके जवाब में  लोक शिक्षण संचालनालय ने 23 जनवरी 2023 में  बताया कि 5670 पदों में से 4582 आदेश जारी हुए एवं 3433 कार्यरत व 2237 पद अभी रिक्त हैं।

शासन से HC ने 7 दिन में मांगा जवाब 

न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकल पीठ में इस याचिका की सुनवाई हुई, याचिकाकर्ता के वकील द्वारा प्रस्तुत तथ्य सुनने के बाद कोर्ट ने    शासन को आदेश दिया है कि सात दिन में जबाब प्रस्तुत करे और ये स्पष्ट करे कि रिक्त पद होने के बावजूद भर्ती क्यों नहीं की जा रही  हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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