जबलपुर,संदीप कुमार। अगर आप विदेशी नस्ल का श्वान(DOG) पालकर ब्रीडिंग का व्यापार कर रहे है तो हमारी यह खबर जरूर देख ले क्योकि हो सकता है कि आपके व्यापार को जिला प्रशासन बन्द करते हुए कही पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही न कर दे, दरअसल “डॉग ब्रीडिंग बिजनेस” के लिए जिला प्रशासन और “एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया” की अनुमति लेना जरूरी होता है पर समूचे मध्यप्रदेश में किसी भी डॉग ब्रीडिंग सेंटर के पास अनुमति नही है, ऐसे में अब मध्यप्रदेश का नाना जी पशुचिकित्सा महाविद्यालय प्रदेश का पहला केंद्र बन गया है जहाँ अधिकृत रूप से डॉग ब्रीडिंग सेंटर करवाया जाएगा।
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मध्यप्रदेश में जो भी डॉग ब्रीडिंग सेंटर वह हैं अनाधिकृत
मध्यप्रदेश के ज्यादातर जिलों में डॉग ब्रीडिंग सेंटर चल रहे है, इस सेंटर में मेल और फीमेल डॉग को क्रॉस कर उनसे होने वाले बच्चो को मुँह मांगे दामो में बेचा जाता है, पर हम आपको बता दे कि डॉग ब्रीडिंग का व्यापार पूरी तरह से गलत है,नानाजी पशुचिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय प्रदेश का पहला ऐसा महाविद्यालय है जो कि अधिकृत रूप से डॉग ब्रीडिंग का केंद्र होगा जिसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
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आठ माह से पहले बच्चे को माँ से नही किया जा सकता है अलग
पशु विज्ञान महाविद्यालय के अधीक्षक डॉ रणवीर जाटव बताते है कि किसी भी श्वान के बच्चे को आठ माह से पहले अलग नही कर सकते है पर देखा जा रहा है कि डॉग ब्रीडिंग सेंटर चलाने वाले व्यापारी कम उम्र में ही बच्चे को उसकी माँ से अलग कर मुँह मांगे दामो में बेच दिया करते है,जो कि एक गंभीर अपराध है,पशु क्रूरता अधनियम के तहत 2017 में डॉग ब्रीडिंग सेंटर और उसके व्यापार को इलीगल माना गया है,जानकारी के मुताबिक जबलपुर में 60 से 70 डॉग ब्रीडिंग सेंटर चल रहे है जो कि बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे है।
मध्यप्रदेश का पहला वैध डॉग ब्रीडिंग सेंटर जबलपुर में
मध्यप्रदेश में चल रहे ईलीगल डॉग ब्रीडिंग सेंटर से निजात देने के लिए नानाजी पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से कार्यवाही की मांग की है, इसके साथ साथ पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर ने एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया(awbi) नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा महाविद्यालय सहित जिला प्रशासन और नगर निगम से अनुमति भी ले ली है, यह मध्यप्रदेश का पहला ऐसा महाविद्यालय है जो कि शासन से अनुमति प्रदान डॉग ब्रीडिंग सेंटर होगा।
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ज्यादातर लोगों ने एक माह की उम्र में खरीदा है डॉग को
जबलपुर के वैटनरी महाविद्यालय में रोजाना 50 से 60 डॉग इलाज के लिए आते है, उनसे जब पूछा गया कि उन्होंने कब इनको खरीदा था तो बताया कि एक माह की उम्र में उन्हें या तो किसी से गिफ्ट में लिया है या फिर उन्होंने खरीदा है।