जबलपुर।
नव वर्ष में हर कोई परिवार के साथ सैर सपाटे में,क्लबो में,पार्टियों में व्यस्त रहते है पर कोई बुजुर्गों का ध्यान नव वर्ष में नही रखते है।पर जबलपुर में एक समाजसेवी ऐसे है जो कि बीते 15 सालो से बुजुर्गों का सम्मान कर रहे है।आज नव वर्ष की पूर्व संध्या में समाजसेवी कमलेश अग्रवाल ने सिविल लाइन में करीब 1500 से ज्यादा बुजुर्गों का सम्मान किया।इस सम्मान में 70 साल से लेकर 105 साल तक के बुजुर्ग शामिल थे।
नव वर्ष में समाजसेवी कमलेश अग्रवाल ने जैसे ही बुजुर्गों के मनपसंद गीत लगवाए वैसे ही बुजुर्ग अपनी अपनी सीटों से उठकर गाने की धुन में थिरकने लगे।गानों की थिरकन में थिरक रहे बुजुर्ग भूल गए अपनी उम्र को, उनको सिर्फ इतना याद था कि वो अपने पुराने दिन में लौट आये है।बीते 15 सालों से नव वर्ष में बुजुर्गों का सम्मान कर रहे कमलेश अग्रवाल का कहना है कि बुजुर्ग ही हमारी धरोहर है और हम जानते है कि बिना बुजुर्ग के कोई हमे मार्गदर्शन नही दे सकता।
आज की युवा पीढ़ियों का उदाहरण देते हुए कमलेश अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान की युवा पीढ़ी बुजुर्गों को अपने आप से दूर कर रही है जिनके बच्चे आज बाहर काम कर रहे है वो अपने काम और परिवार में इतने व्यस्त है कि माता पिता को भूल गए।यही वजह है कि आज ऐसे बूढे माँ पिता जिनको उनके बच्चे भूल गए है प पर हम नही।थोड़ा सा कार्यक्रम कर बुजुर्गों को अगर हम खुशी दे रहे है तो वो उनका आशीर्वाद भी हमे मिल रहा है।