Jabalpur News : वेदिका हत्याकांड के आरोपी भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा की मुश्किलें बढ़ीं, नगर निगम ने भेजा नोटिस

Jabalpur News :  वेदिका ठाकुर हत्याकांड के आरोपी भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं, सरकार और प्रशासन पर प्रियांश को बचाने के आरोप लग रहे हैं, कांग्रेस सहित स्थानीय लोगों में भी इसे लेकर नाराजगी है, इस सबके बीच जबलपुर नगर निगम एक्शन मोड में दिखाई दी हैं, निगम ने एक नोटिस प्रियांश के घर भेजा है और उनसे मकान के सभी दस्तावेज मांगे हैं।

नगर निगम ने भेजा नोटिस, दो दिन में मांगे मकान के दस्तावेज 

वेदिका हत्याकांड में फंसे भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं । भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रियांश से किनारा करने के बाद अब उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई शुरू हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने प्रियांश विश्वकर्मा पर  शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।  जबलपुर नगर निगम में प्रियांश विश्वकर्मा के परिवार वालों को नोटिस जारी कर उनसे उनके मकान के सभी जायज दस्तावेज मांगे हैं,  इसके लिए नगर निगम ने उन्हें 2 दिन का समय दिया है।

लगातार दबाव के बाद जागा स्थानीय प्रशासन 

गौरतलब है कि मीडिया और राजनीतिक दलों का लगातार दबाव पुलिस प्रशासन पर बन रहा था, कल यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भी बुलडोजर लेकर प्रियांश के घर पहुंचे थे, उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि प्रशासन एक्शन नहीं लेगा तो वे आन्दोलन करेंगे, समझा जा रहा हैं इस दबाव के बाद कलेक्टर- एसपी के निर्देश पर नगर निगम ने प्रियांश विश्वकर्मा के परिवार वालों को नोटिस जारी किया है।

निगम की जांच में बिना अनुमति निर्माण भी आया है सामने

यह नोटिस नगर निगम भवन शाखा ने जारी किया है। नगर निगम की भवन निर्माण शाखा ने जांच के दौरान पाया कि जमीन खरीदने के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया है, इतना ही नहीं बिना अनुमति निर्माण भी किया गया था जिसको लेकर  नोटिस जारी किया गया है। नगर निगम ने 2 दिन में प्रियांश के परिवार वालों को निर्देश जारी किए है कि गंगानगर स्थित मकान के दस्तावेज नगर निगम आकर पेश करें नहीं तो मकान तोड़ दिया जाएगा।

Jabalpur News : वेदिका हत्याकांड के आरोपी भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा की मुश्किलें बढ़ीं, नगर निगम ने भेजा नोटिस

 

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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