मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। अक्सर प्रदेश में ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त का एक्शन सामने आता रहता है। अलग-अलग विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जाता है। अब जबलपुर (Jabalpur) में हैंडपंप मेंटनेंस के नाम भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। 20 अगस्त बुधवार को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने जन स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग यानि पीएचई ऑफिस में छापा मारा।
ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के दौरान पीएचई विभाग में पदस्थ एग्जिक्यूटिव इंजीनियर शरद कुमार सिंह और अकाउंट्स क्लर्क विकास पटेल रिश्वत लेते पकड़े गए। घूसखोरी के आरोप में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज की जाएगी।
क्या है मामला? (EOW Raid)
सूत्रों के मुताबिक जबलपुर के सिहोरा ब्लॉक में हैंडपंप मरम्मत का काम दमोह में रहने वाले ठेकेदार रोहित बलौरिया को सौंपा गया था। काम पूरा होने के बाद ठेकेदार ने 2.47 लाख रुपये का बिल पेमेंट के लिए पीएचई ऑफिस भेजा। लेकिन बिल पास करने से ईई और क्लर्क ने 10% कमीशन की मांग की।
रिश्वत लेते कार्यपालन यंत्री और क्लर्क पकड़े गए
इस बात की शिकायत जब ईओडब्ल्यू तक पहुंची तो उन्होनें कार्रवाई की योजना बनाई। एक टीम का गठन किया गया है। प्लानिंग के साथ पीएचई कार्यालय में छापा मारा गया। जैसे ही ठेकेदार ने 24 हजार रुपये रिश्वत अधिकारियों को सौंपा, उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। नकद राशि भी बरामद की गई है। उनसे पूछताछ जारी है। जांच के दौरान इस मामले से जुड़े और कई खुलासे हो सकते हैं।





