जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर खंडपीठ के साथ लगा प्रिंसिपल सीट शब्द हटाने से रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने नोटिफिकेशन को स्थगित कर दिया है। दायर याचिका को खारिज करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर खंडपीठ के साथ लगा प्रिंसिपल सीट शब्द विलोपित करने के लिए लगाई गई याचिका पर नोटिफिकेशन को हाईकोर्ट ने रोक दिया है।
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवी मलिमठ व जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की डिवीजन बेंच ने जबलपुर की एक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा दायर की गई याचिका के खिलाफ यह निर्णय लिया जिसके लिए याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की है।
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याचिका द्वारा हाईकोर्ट को बताया कि राष्ट्रपति ने 27 अक्टूबर 1956 को आदेश जारी कर जबलपुर में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्य पीठ की घोषणा की थी,राष्ट्रपति के इस आदेश को रद्द करने का अधिकार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को नहीं है, इसके बावजूद भी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने हाई कोर्ट 2008 में संशोधन का हवाला देते हुए 8 अक्टूबर 2021 को मध्यप्रदेश राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दी।
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अधिसूचना जारी होते ही जबलपुर के आगे से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ शब्द को हटा दिया गया, क्योंकि यह अधिसूचना भारत के संविधान के विपरीत है अतः निरस्त किए जाने योग्य है। अब जब हाई कोर्ट ने इस याचिका को स्थगित कर दिया है तो इसे जबलपुर खंडपीठ की एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।