जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर के एक निजी अस्पताल में हार्ट अटैक के मरीज को धमनियों में घुलने वाला स्टंट सफलतापूर्वक लगाया गया। निजी अस्पताल द्वारा किए गए इस सफल ऑपरेशन के बाद कहा जा रहा है कि शायद यह क्षेत्र में इस तरह का पहला मामला है, जब किसी ह्रदय रोगी को आमतौर पर स्टील या मेडल के स्टंट की जगह धमनियों में घुलने वाला स्टंट लगाया गया हो।
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हार्ट अटैक के मरीजो को आमतौर पर मेटल या स्टील का स्टैंड लगाया जाता है। जो लाइफ टाइम मरीज के शरीर मे रहता है। प्राप्तत जानकारी के अनुसार 32 साल के मरीज को जबलपुर के निजी अस्पताल में हार्ट संबंधी समस्या के चलते भर्ती किया गया। डॉक्टर के अनुसार उसे स्टंट लगाया जाए जाना जरूरी था। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिलीप तिवारी व डॉक्टर अमजद अली की टीम ने इस मरीज का इलाज करते हुए इसे धमनियों में घुलने वाला स्टंट लगाया।
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डॉक्टर ने बताया कि एंजियोग्राफि की जांच में मरीज की हृदय की मुख्य नली 100 प्रतिशत बंद पाई गई। मरीज की उम्र कम थी और कम उम्र में हृदय की नलियों में मेटल का स्टेंट डालने से भविष्य में यह खतरा पैदा कर सकता है। इसी के मद्देनजर इस मरीज को धमनियों में घुलने वाला स्टंट लगाया गया। मरीज को सफलता पूर्वक स्टेंट लगाने के 2 दिनों बाद डिस्चाज्र कर दिया गया। मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
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चिकित्सा विज्ञान के जानकारों के अनुसार, स्टंट 6 महीने से 2 वर्ष की अवधि में घुल जाता है। इसके गुल्ले से सबसे बड़ा फायदा यह है कि खून का थक्का जमने का खतरा इसमें बिल्कुल नहीं रहता। साथ ही इसे दोबारा लगाने की आवश्यकता भी न के बराबर है।