जबलपुर : शहर से डेयरियों को न हटाने के मामले में एनजीटी ने एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश

Amit Sengar
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जबलपुर, संदीप कुमार। शहर में संचालित डेयरियों पर आज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सुनवाई की गई जिस पर एनजीटी ने शासन को इस मामले में 11 मार्च से पहले एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए, एनजीटी ने इस मामले में सरकार से पूछा है कि अब तक शहर में संचालित डेरी को हटाने के लिए सरकार की तरफ से क्या कुछ कदम उठाए गए हैं। आपको बता दें कि नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी जिसे हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था जिस पर पिछले 4 साल से इस मामले में सुनवाई चल रही है।

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साल 1998 में लगाई गई थी याचिका।

बता दें कि नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से साल 1998 में डेरी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उस वक्त याचिका में कहा गया था कि शहर यानी नगर निगम सीमा के अंदर संचालित करीब साडे 450 डेरिया संचालित हो रही है जिससे शहर में न केवल गंदगी फैल रही है बल्कि इन डेरियों के चलते डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां भी पनप रही है लिहाजा इन डेयरियों को शहर से बाहर किया जाए।

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2017 में हाईकोर्ट से एनजीटी केस हुआ था ट्रांसफर।

शहरों से डेरिया हटाने को लेकर करीब 19 साल तक केस हाई कोर्ट में चलता रहा उसके बाद हाईकोर्ट ने इस केस को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को ट्रांसफर कर दिया तब से लेकर आज तक यह केस एनजीटी में चल रहा है।

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2020 में एनजीटी ने दिया था फैसला।

आपको बता दें कि शहर में संचालित डैरियो को लेकर एनजीटी ने 2020 में फैसला दिया था जिसमें एनजीटी ने साफ कहा था कि हर हाल में शहर से डेरिया हटकर आउटर में जानी चाहिए लेकिन एनजीटी के सख्त आदेश के बाद भी नगर निगम क्षेत्र से काफी सारी डेरिया अभी भी हटना बाकी है इसीलिए इसी को लेकर आज एनजीटी ने सख्त निर्देश दिए और 11 मार्च के पहले मामले में एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गई है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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