Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। जहां फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं आरोपियों के द्वारा फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के जरिए करोड़ों रुपए की हेरफेरी किया जा चुका है।
इस तरह करते थे हेराफेरी
इस दौरान पकड़े गए आरपियों के नाम शेख शहजाद, आकिब रकीफ और सलमान उर्फ सद्दाम शेख बताया जा रहा है। वहीं शेख शहजाद जबलपुर के आधारताल इलाके में कियोस्क संचालित करता था। आरोपी के पास जब कोई भी मज़दूर संबल योजना का कार्ड बनवाने आता तो वह उनके आधारकार्ड, बैंक पासबुक, समग्र आईडी जैसे तमाम अहम दस्तावेजों की कॉपी रख लेता था। हालांकि मज़दूर को तो उसका संबल योजना का कार्ड बनाकर दे दिया जाता था। लेकिन बाद में आरोपी द्वारा दस्तावेजों को स्कैन और एडिट किया जाता और फिर उसका फर्जी मृत्युप्रमाण पत्र बना लिया जाता था। वहीं इन्हीं फर्जी डेथ सर्टिफिकेट को ये लोग नगर निगम में जमा करवाते थे और हकीकत में जिंदा लोगों की अंत्येष्टि के नाम पर 6-6 हज़ार रुपए की सहायता राशि और 2-2 लाख रुपयों की सामाजिक सुरक्षा क्लेम की राशि निकलवा ले लेते।
ऐसे खुला मामला
ये मामला तब खुला जब सैयदा रिज़वाना रिज़वी नाम की एक महिला को अपने दस्तावेजों के दुरुपयोग का शक हुआ। महिला ने शेख शहज़ाद के कियोस्क से अपना संबल कार्ड बनवाया था। वहीं महिला को कुछ लोगों की मुंह जबानी पता चला कि कियोस्क संचालक लोगों के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल करता है। जब महिला ने शक के आधार पर अपना सरकारी रिकॉर्ड चेक करवाया तो पता चला कि कागज़ों में उसे मरा हुआ घोषित किया जा चुका है। महिला ने इस बात की शिकायत आधारताल पुलिस थाने में की थी। पुलिस ने उन बैंक खातों की जांच की जिसमें सैयदा रिजवी के मृत क्लेम की राशि क्रेडिट हुई थी। वहीं खाता आकिब रफीक का था जिसे पुलिस ने धर दबोचा, जिसके बाद जांच में खुलासे होते चले। जहां, पता चला कि शेख शहजाद के कियोस्क से लोगों के फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर मृत क्लेम की राशि हड़पने का गिरोह चल रहा था। पुलिस ने मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जिनके पास से 40 फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट