जबलपुर, संदीप कुमार।मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर आत्महत्या करने के मामले में सोसायडल राजधानी बन चुका है, इसके अलावा संस्कराधानी जबलपुर भी आत्महत्या के मामले में तीसरे नम्बर पर है। प्रदेश में लागातर बढ़ती आत्महत्या की घटना को लेकर नागरिक उपभोक्ता मंच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि आत्महत्या की घटना को देखते हुए उच्च स्तरीय विधानसभा समिति जिसमे विशेषज्ञों को शमिल किया जाए।
आत्महत्या करने में महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा
नागरिक उपभोक्ता मंच के मुताबिक पूरे देश मे साल 2019 में 1,39,123 लोगों ने आत्मघाती कदम उठाया है।आकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश इस मामले में चौथा स्थान पर है। सरकारी योजनाओं का अंतिम व्यक्ति तक न पहुंचना तथा प्रदेश में जीवन स्तर पिछड़ापन आत्महत्या का एक प्रमुख कारण है। मंच के संयोजक मनीष शर्मा ने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य में साल 2019 में 12,457 लोगों ने आत्महत्या की है, जिसमे 8,107 पुरुष जबकि महिलाएं की संख्या 4,348 है।
मध्यप्रदेश आत्महत्या में चौथे स्थान पर
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के आकड़ो के मुताबिक मध्यप्रदेश में आत्महत्या करने वाले 12,457 है, जो कि देश में चौथा स्थान पर है। जिसमे औसतन प्रतिदिन 34 से 35 व्यक्तियो द्वारा आत्मघाती कदम उठाया गया है। बीते 2018 की तुलना में 2019 में आत्महत्या के मामले में 3 प्रतिशत की बृद्धि दर्ज की गई है।आत्महत्या को लेकर मध्यप्रदेश से ज्यादा मामले महाराष्ट्र 18,196 तमिलनाडु 13,493 एवं पश्चिम बंगाल 12,663 राज्य दर्ज किए गए है।