जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने राज्य सरकार व एमपीपीएससी को नोटिस जारी किया है और दो सप्ताह में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी परीक्षा-2021 की तारीख आगे बढ़ाने की मांग नामंजूर कर दी। हाई कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि स्थानीय निकाय व पंचायत चुनावों से पहले पीएससी परीक्षा की तारीख अधिसूचित कर दी गई थी। लिहाजा, अब इसे स्थगित कर तारीख बढ़ाना असंभव है। कोर्ट ने यह फैसला एक छात्र की याचिका पर दिया है।
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दरअसल कोर्ट में यह याचिका एक छात्र की तरफ से दायर की गई थी जिसमें अपील की गई थी, भिंड निवासी छात्र आकाश पाठक ने इस याचिका में कोर्ट से कहा था कि 19 जून 2022 को एमपीपीएससी 2021 की परीक्षा होने जा रही है। इस परीक्षा में पीएससी ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दे दिया है, जबकि अन्य कई भर्ती परीक्षाओं में हाई कोर्ट ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से अधिक करने पर रोक लगाई है। यह भी कहा गया था पीएससी परीक्षा 2019 व 2020 के रिजल्ट भी अभी नहीं आए हैं, आग्रह किया गया कि इन अनियमितताओं को देखते हुए 19 जून को होने वाली एमपीपीएससी 2021 की परीक्षा स्थगित की जाए। लेकिन वही एमपीपीएससी की ओर से अधिवक्ता कमल नाथ नायक, पराग तिवारी ने कोर्ट को बताया कि इस परीक्षा का कैलेंडर 18 फरवरी को ही जारी कर दिया गया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने पंचायत व स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा की। लिहाजा, परीक्षा पर रोक लगाना उचित नहीं होगा।