MP HighCourt ने आरक्षण मामले में विधि और सामान्य प्रशासन विभाग पर जाहिर की नाराजगी

Amit Sengar
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जबलपुर,संदीप कुमार। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (mp high court) ने आरक्षण मामले में विधि और सामान्य प्रशासन विभाग पर नाराजगी जाहिर करते हुए जवाब न देने पर दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया है, इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आदेशित किया है कि सामान्य प्रशासन व विधि विभाग के प्रमुख सचिव आगामी 18 अप्रैल को हर हाल में हाई कोर्ट में हाजिर हो।

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विधि और सामान्य विभाग को यह आदेश आज न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने शासकीय अधिवक्ताओ की नियुक्तियों में आरक्षण नियम लागू करने की सुनवाई करते हुए सुनाया है,ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की और से दायर की याचिका पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आठ अवसरों के वावजूद भी सामान्य प्रशासन विभाग और बिधि विभाग ने जबाब दाखिल नही किया।

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प्रकरण की आज न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया तथा प्रकरण के आईसी के विरूद्ध 10 हज़ार की काष्ट लागाते हुए आदेशित किया गया कि उक्त राशि ओ.आई.सी अपनी सेलरी से लीगल फण्ड में जमा करें, इसके साथ ही आगामी तारीख 18 अप्रेल को को सामान्य प्रशासन विभाग एवं विधि विभाग के प्रमुख सचिव व्यक्तिगत कोर्ट में उपस्थित रहेंगे,याचिकाकर्ता एसोसिएशन की ओर से आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक शाह,उदय कुमार,परमानंद साहू पैरवी कर रहे थे, प्रकरण की आगामी सुनवाई अब 18 अप्रेल को होगी।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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