जबलपुर। संदीप कुमार। माँ नर्मदा के ग्वारीघाट में आज से गौ कुम्भ का आगाज हो गया है। नरसिंह मंदिर से पेशवाई शुरू हुई है जो कि नर्मदा गौ कुम्भ गीताधाम पहुँचेगी। पहली बार नर्मदा के तट में अर्थकुम्भ का आयोजन किया है, जिसकी आज से शुरुआत हो गई है। 3 मार्च तक चलने वाले गौ कुम्भ में 5 हजार से ज्यादा साधु संत शामिल हुए है, इसके अलावा कई आखाड़े और नागा साधु बाबा भी पेशवाई में शामिल हुए।
आज की पेशवाई में साधु संतों के साथ साथ भगवानो की झांकियों सहित ढोल-नगाड़े भी थे जो कि पेशवाई में अपनी अलग ही छवि बिखेर रहे थे। नर्मदा तट में गौ कुम्भ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य है नर्मदा को संरक्षित करना। पेशवाई में शामिल हुए संत अखिलेश्वरानंद महाराज का कहना है कि आज का दिन संस्कारधानी के लिए ऐताहासिक दिन है जो कि आने वाले समय में इतिहास में लिखा जाएगा। आज से शुरू हुए अर्ध कुम्भ को संस्कारधानी के संतो सहित देश के संत समर्थन दे रहे है। इसके आलावा कई आखाड़े भी गौ कुम्भ में शामिल हुए। महाराज अखिलेश्वरानंद ने कहा कि भारत की जितनी भी नदियां है, वहाँ पर इस तरह के कार्यक्रम हमेशा होने चाहिए। ताकि नदियों का अस्तित्व सुरक्षित रह सके और आज की युवा पीढ़ी जो कि धर्म से भटक रही है उनको भी इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से जोड़ा जाए इसलिए ये आयोजन बहुत ही जरूरी है।