जबलपुर : विधायक के खिलाफ दायर याचिका हुई हाई कोर्ट में स्वीकार , 5 सितम्बर को होगी सुनवाई

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर जिले के गोटेगांव विधायक और पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल उनके पुत्र मोनू पटेल और गार्ड शरद बरकड़े के खिलाफ सुनवाई के लिए दायर की गई याचिका को हाइकोर्ट में स्वीकार कर लिया गया है। इस मामले की सुनवाई 5 सितंबर को की जाएगी ।

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आपको बता दें पटेल के खिलाफ यह याचिका गोटेगांव के पत्रकार गोविंद केटले की ओर से दायर की गई है, केटले ने  सांसद विधायकों के विशेष अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने बताया कि 18 नवंबर 2014 को जब वह शासकीय अस्पताल गोटेगांव में खड़ा हुआ था उसी समय विधायक जालम सिंह पटेल अपने बेटे मोनू पटेल और शरद बरकड़े के साथ पहुँचे और लाठी डंडों से हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। गोविंद की शिकायत पर शासन ने जाँच के लिए SIT की टीम को गठित किया था। इसके बाद मामले की जाँच कर विधायक सहित अन्य के खिलाफ धारा 323,325,427,307 के तहत प्रकरण कायम कर कोर्ट के समक्ष रखा गया था।

29 अप्रैल 2022 को सांसद और विधायको की विशेष अदालत ने सुनवाई करते हुए सभी को दोषमुक्त कर दिया। गोविंद केटले ने सांसद-विधायकों की विशेष अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनोती देते हुए याचिका दायर की थी । जस्टिस सुजय पाल और जस्टिस पी.सी गुप्ता की डिवीजन बैंच ने गोविंद की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए सांसद-विधायको की विशेष अदालत से रिकॉर्ड तलब किया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 सितम्बर को होंगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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