जबलपुर। सदीप कुमार।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर समूचे प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही होना था पर कुछ दिन चली माफिया दमन दल की कार्यवाही अब सुस्त पड़ गई है।हालांकि जिला प्रशासन इसे अपनी अन्य कार्यो की वयस्तता बता रही है।जिला कलेक्टर और एसपी ऑफिस में रखी शिकायत पेटी में शिकायतों का अंबार लग रहा है पर अधिकारी अपने दूसरे कामो में व्यस्त है।शुरुआती दौर में जरूर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में माफिया दमन दल ने तेजी से कार्यवाही की थी पर समय के साथ साथ ये कार्यवाही भी ढीली पड़ गई।जानकारी के मुताबिक जबलपुर जिले में रोजाना आठ से 10 शिकायतें माफियाओं के खिलाफ आ रही हैं। अभी तक 175 से ज्यादा शिकायतों को पंजीकृत किया गया है। ज्यादातर शिकायतें अधारताल तहसील के अंतर्गत आईं। उसके बाद रांझी, गोरखपुर और जबलपुर तहसील के अंतर्गत शिकायतें आईं। बताया जाता है कि इनमें से करीब 50 का निराकरण भी अभी तक हो चुका है।
संभागायुक्त स्वयं कर रहे है निगरानी
माफिया दमन दल की कार्रवाई की रोजाना मॉनिटरिंग की जाती है। इसकी जानकारी जिला प्रशासन की तरफ से संभागायुक्त को भेजी जाती है। लेकिन बीते लगभग दस दिनों से यह निरंक है।
अभी तक कि ये हैं पंजीकृत शिकायतें
तहसील शिकायतें
अधारताल 80
रांझी 37
गोरखपुर 25
जबलपुर 17
पाटन 07
सिहोरा 06
जबलपुर जिला प्रशासन ने बीते दो माह के भीतर करीब 235 करोड़ की जमीन माफियाओ से मुक्त करवाई है। कार्रवाई में लगभग 182 एकड़ जमीन मुक्त कराई। इसकी कीमत 235 करोड़ से ज्यादा है। इनमें अधिकांश जमीन सीलिंग की है। लेकिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई उतनी नहीं हुई। अतिक्रमण के नाम पर ओमती नाला, शास्त्री नगर और भानतलैया में कार्रवाई की गईं।