जबलपुर में गरजे राकेश टिकैत- MP का किसान भी दिखाएगा आक्रोश, जारी रहेगा आंदोलन

Pooja Khodani
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राकेश टिकैत

 जबलपुर, संदीप कुमार। कृषि कानून (Agricultural Law)को लेकर देश भर में जारी आंदोलन (Farmers Protest) के बीच जबलपुर (Jabalpur) के सिहोरा में आयोजित किसान महापंचायत (Kisaan Mahapanchayat) में आज भारतीय किसान यूनियन के किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने केन्द्र की मोदी सरकार (Modi Government) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) किसानों (Farmers) के अंदर दम भरते हुए कहा कि यहां का किसान भी अब आक्रोश दिखाएगा और देशभर में जारी आंदोलन(Moverment) में शामिल होगा।

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किसान नेता राकेश टिकैत जबलपुर में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेताओं के साथ सिहोरा कृषि उपज मंडी में आयोजित महापंचायत में कृषि कानून को रद्द करने की मांग की। साथ ही केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कानून किसानों के लिए मजाक है। किसान नेता ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों को गुलाम बनाना चाहती है और इसी का नतीजा है कि वह कृषि कानून लेकर आई है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सिहोरा कृषि उपज मंडी में आयोजित आम सभा में ट्रेक्टर से पहुंचे। इस दौरान उनके साथ यूनियन के अन्य नेता भी शामिल थे राकेश टिकैत की रैली में किसानों में गजब का उत्साह देखने को मिला,आमसभा में हजारों की तादात में किसान राकेश टिकैत को सुनने पहुंचे।

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आम सभा के पहले पत्रकारों से चर्चा कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता टिकैत ने कड़े शब्दों में कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों की स्थिति ठीक नहीं है, यहां के किसानों को बहला-फुुसलाकर आंदोलन में शामिल होने नहीं दिया जा रहा है। लेकिन यह ज्यादा दिन तक नही चलेगा, क्योंकि अब किसान के साथ नौजवान भी जाग गया है और वह अच्छी तरह से जान गया कि कृषि कानून बिल किसानों के लिए कितना नुकसानदायक है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जबलपुर और मध्यप्रदेश का किसान गेहूं की फसल आने के बाद उसका व्यापार कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर करेगा। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी( PM Narendra Modi) ने कहा कि किसान मंडी के बाहर अपना गेहूं बेंच सकेंगे। इसलिए किसान सरकारी कार्यालयों के बाहर खड़े होकर गेहूं बेचेंगे।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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