भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब किसी भी शासकीय कॉलेजों (Government College) में निर्माण व उपकरण खरीदने से पहले शासन (MP Government) को जानकारी देनी होगी। अगर ऐसा नहीं किया तो अनुदान के प्रस्ताव को मान्य नहीं किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने सभी कॉलेज (College) प्रबंधन को एक हफ्ते का समय दिया है।
दरअसल, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (National Higher Education Campaign-RUSA) के तहत MP के करीब 58 सरकारी कॉलेजों को अनुदान दिया जाता है। इसका उपयोग नए भवन, लाइब्रेरी में पुस्तकें, कंप्यूटर, साइंस लैब में उपकरण सहित अन्य कार्यों पर किया जाता है।इसके लिए सरकारी कॉलेज शासन को प्रस्ताव भेजते है और फिर अनुदान रिलीज किया जाता है।
लेकिन इस बार भेजे गए प्रस्ताव में कई कॉलेजों (Government College) ने मनमानी करते हुए नए खर्चों का फंड तो मांगा है लेकिन हिसाब नहीं दिया गया है। जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर कहा है कि बगैर जानकारी दिए प्रस्ताव में संशोधन मान्य नहीं किए जाएंगे।
यहां तक उन्होंने प्रबंधन को निर्माण व उपकरण खरीद के बारे में शासन को बताने को कहा है। जिसे उक्त कार्यों को लेकर राशि का आवंटन तुरंत हो सकें। इसके तहत विभाग ने सभी प्रबंधनों को एक हफ्ते का समय दिया है, जिसमें यह संशोधन करके भेजना है।
रूसा के तहत दिया गया बजट (Budget) शासन को 31 मार्च तक खत्म करना है। उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार, संशोधन को 20 मार्च तक करना है ताकि 31 मार्च तक प्रस्ताव को मंजूरी मिल सके और कॉलेज (College) को राशि आवंटित हो।वही इसके लिए कई कॉलेजों से रूसा से जुड़े प्रोजेक्ट व प्रस्ताव में नए कार्यों को भी जोड़ने पर जोर दिया गया है।
इधर, उच्च शिक्षा विभाग जल्द जांच और निगरानी के लिए मध्य प्रदेश के सभी शासकीय कॉलेजों (government colleges)में ऑडिट टीम (audit team) भेजने की तैयारी कर रहा है।जो राष्ट्रीय उच्च शिक्षा मिशन के तहत शासकीय कॉलेज को मिलने वाले अनुदान राशि का तो ऑडिट करेगी ही साथ ही कामकाज की भी समीक्षा करेगी।इस टीम के मार्च के अप्रैल के पहले सप्ताह तक भेजा जा सकता है।