Jabalpur News: शहपुरा तहसीलदार ने महिला से जबरन मोबाइल छीनकर तोड़ा, मामला दर्ज

ग्राम रामखरिया निवासी पूजा बर्मन नाम की महिला कई दिनों से अपने पति के साथ तहसील के चक्कर काट रही थी। जहां राशन कार्ड बनवाने के लिए महिला ने कई बार आवेदन भी दिया है, फिर भी महिला को तहसील कार्यालय से बार-बार भगा दिया जाता है।

Shashank Baranwal
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Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के शहपुरा तहसील में पदस्थ तहसीलदार के खिलाफ ग्रामीणों ने पुलिस से शिकायत की है। आरोप है कि एक महिला जब तहसीलदार के पास राशन कार्ड न बनने की शिकायत को लेकर पहुंची तो तहसीलदार ने महिला का मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। वहीं अब यह मामला कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना तक भी पहुंच गया है।

ये है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक ग्राम रामखरिया निवासी पूजा बर्मन नाम की महिला कई दिनों से अपने पति के साथ तहसील के चक्कर काट रही थी। जहां राशन कार्ड बनवाने के लिए महिला ने कई बार आवेदन भी दिया है, फिर भी महिला को तहसील कार्यालय से बार-बार भगा दिया जाता है। वहीं तेईस फरवरी को शाहपुरा तहसील कार्यालय में महिला एक बार फिर अपने पति के साथ पहुंची थी। इस दौरान महिला तहसीलदार राजेंद्र पटेल से मुलाकात की। इस दौरान तहसीलदार के द्वारा हीला-हवाला की गई। वहीं जब बात बढ़ने लगी तो तहसीलदार ने महिला से जबरदस्ती करते हुए उसके हाथ से मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। नाराज आक्रोशित ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में जमकर हंगामा किया। इसके बाद महिला अपने पति और बच्चों के साथ थाना शहपुरा पहुंची और तहसीलदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। महिला की शिकायत पर थाना शहपुरा में मामले को दर्ज कर लिया गया है, जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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