भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सरकार जल्द मध्यप्रदेश में एक बड़ा फैसला ले सकती है, सरकार 10 साल बाद कैदियों की रिहाई की नीति में संशोधन करने जा रही है। महिला और बाल अपराध रोकने शिवराज सरकार ने पूरे प्रदेश में अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए है वही अब सरकार के इस फैसले के बाद महिला एवं बच्चों से जुड़े अपराध में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों की अब रिहाई नहीं होगी, ऐसे अपराधियों को अंतिम सांस भी जेल में ही गुजारनी होगी।गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में सभी राज्य सरकारों को आजीवन कारावास के सजा पाए कैदियों की रिहाई की नीति के संबंध में विचार करने के लिए कहा था। सामान्य प्रशासन विभाग ने मई 2022 में इसके लिए अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल डा.राजेश राजौरा की अध्यक्षता में समिति बनाई।
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दरअसल सरकार अच्छे आचरण के आधार पर साल में दो बार (स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस) पर कैदियों को रिहा करती है, लेकिन महिला और बच्चों के अपराधियों को इस दायरे से बाहर रखा जाएगा। उन्हें रिहाई नहीं दी जाएगी, वहीं, रिहाई साल में दो की बजाय चार बार होगी, रिहाई की नीति में संशोधन के लिए गृह विभाग उत्तर प्रदेश, ओड़िशा, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन कर रहा है। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान किया है।