जबलपुर, संदीप कुमार। जब एक बुजुर्ग महिला को उसके बेटे और बहू ने छोड़ दिया तो ऐसे कठिन समय में उसे सहारा दिया सिद्धिविनायक गणेश ने। हम बात कर रहे हैं जबलपुर की जहां अपनों से हारी एक बुजुर्ग महिला पहुंच गई भगवान गणेश के द्वार पर और जहां भगवान गणेश ने उन्हें ऐसा आशीर्वाद दिया कि वह आज अपनी कला के दम पर पूरे मध्यप्रदेश में ख्याति पा रही हैं।
75 साल की गोमती प्रजापति को उसके बेटे-बहू ने अपनाने से मना कर दिया, जिसके बाद वह गायत्री पीठ मंदिर पहुंच गईं और वहीं पर रहकर भगवान की सेवा करने लगी। इस दौरान उसकी मुलाकाल इंदौर से आए एक गणेश भक्त से हुई। उस गणेश भक्त ने गोमती प्रजापति को सुपारी से गणेश भगवान की मूर्ति बनाने की कला सिखा दी। बस फिर क्या था, कुछ ही दिनों में गोमती प्रजापति सुपारी वाले गणेश जी की मूर्ति बनाने मे इतनी निपुण हो गई कि वह आसपास रहने वाली महिलाएं और बच्चियों को भी इसकी ट्रेनिग देने लगीं।
गोमती प्रजापति दिन भर में 8 से 10 गणेश मूर्ति बना लेती हैं। इसे बेचकर उनकी जो भी कमाई होती है, उसका 15% वह गरीब बच्चों की शिक्षा में खर्च करती थी। इनके द्वारा बनाए गई मूर्ति की कीमत 111 रूपये है। एक मूर्ति बनाने में करीब 60 रूपये का खर्च आता है। इसमें से 35 रूपये वो अपने ऊपर खर्च करती हैं और 16 रूपये गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए जमा करती हैं। आज उनके इस कार्य की तारीफ जबलपुर एसपी से लेकर समूचे प्रदेश मेंं हो रही है।