जबलपुर। मप्र हाईकार्ट से भोपाल के एलएन मेडिकल कॉलेज के एमडी-एमएस कोर्स के करीब आधा सैकड़ा छात्रों को बड़ी राहत मिली है। अवकाशकालीन बेंच की जस्टिस नंदिता दुबे व जस्टिस संजय द्धिवेदी की युगलपीठ ने कालेज प्रबंधन द्धारा करीब सवा दो लाख रुपये की अतिरिक्त फीस वसूली पर अपने अंतरिम आदेश से रोक लगा दी है। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न की जाए, इसके साथ ही उन्हें परीक्षा में अस्थाई रूप से शामिल किया जाए। इसके साथ ही न्यायालय ने मामले में रा’य सरकार व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की है।
यह याचिका डॉ. मयंक करोडे व 51 अन्य की ओर से दायर की गई है। आवेदकों का कहना है कि उन्हें वर्ष 2019-2020 के सत्र में एमडी-एमएस कोर्स में काउंसिलिंग के बाद दाखिल मिला था। उस दौरान उन्हें बताया गया था कि उनकी एक साल की फीस 11 लाख 55 हजार रुपए होगी। इसी आशय का एक पत्र डीएमई ने भी जारी किया था। याचिका में आरोप है कि हाल ही में एनरोलमेंट (परीक्षा) फॉर्म भरने के दौरान याचिकाकर्ताओं से कहा गया कि उनकी फीस बढ़ गई है, इसलिए उन्हें अब 31 दिसंबर 2019 तक 13 लाख 75 हजार रुपए भरना होंगे। ऐसा न होने की स्थिति में उनको परीक्षा फॉर्म नहीं भरने दिया जाएगा। कॉलेज प्रबंधन के इस रवैये को चुनौती देकर यह याचिका दायर की गई थी। मामले में सोमवार को हुई सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त अंतरिम आदेश देते हुए सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा।