जबलपुर| मध्यप्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही सिख समाज ने उनसे इस्तीफा मांगा है| जबलपुर में कमलनाथ के सीएम बनते की इस्तीफे की मांग कर रहे सिख समाज के लोगो ने मदन महल चौक पर मौन धरना देकर विरोध जताया| मौन रहकर विरोध प्रदर्शन कर रहे सिख समाज का कहना था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए दंगो में सिख समाज के हजारो लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, जिसके खिलाफ देश भर में सिख समाज इंसाफ के लिए लगातार अदालतों और सडको पर लड़ाई लड़ने का काम कर रहा है..जिसमे उसे एक सफलता आज उस वक्त मिली जब दिल्ली की अदालत ने सिख विरोधी दंगों के लिए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है| लेकिन अभी भी उन्हें पूरी तरह से इंसाफ नहीं मिला है..क्योंकि दंगा भड़काने वालों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के साथ,जगदीश टाईटलर और मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शामिल थे| लेकिन सज्जन कुमार को छोड़ कमलनाथ के कद्दावर नेता होने के चलते उन्हे इस मामले में हमेशा बचाने की कोशिश की गई|
वही विरोध कर रहे सिख समाज के लोगो में बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू भी शामिल थे| इस दौरान हरेंद्रजीत सिंह ने भी कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि 1984 मे हुए सिख दंगो मे जहां हजारो लोगो की जान गई थी| वही दंगो मे उनके पिता को भी जिंदा जला दिया गया था…जिसकी पीड़ा वह भली भांति जानते है..इसलिए सिक्ख समाज को हर कीमत पर इंसाफ चाहिए…जिस तरह सज्जन कुमार को सजा हुई है,उसी तरह बाकी दोषियों को भी सजा मिलनी चाहिए…हरेंद्रजीत सिंह का कहना था कि जब कमलनाथ का नाम सिक्ख दंगो में शामिल है..ऐसी सूरत में उन्हें दोष मुक्त होने तक शपथ नहीं लेना चाहिए था…यदि उन्होंने जब शपथ ले ली है..तो उन्हें अब मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।