Jabalpur News: युवती के साथ तीन लोगों ने किया छेड़छाड़, पुलिस ने नहीं दर्ज किया मामला

पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी जब घर पर अकेली थी, तभी पड़ोस में रहने वाले चाचा किशन बेन जबरन गर में घुसकर बेटी के साथ छेड़छाड़ की। साथ ही उन्होंने बताया कि 2 साल पहले भी उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ हुई थी, जिसकी शिकायत पर आरोपी किशन बेन को दो साल की जेल हुई।

Shashank Baranwal
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Jabalpur

Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के रांझी थाना स्थित बड़ा पत्थर क्षेत्र से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। जहां दो दिन पहले घर में एक 19 वर्षीय युवतीं के साथ उसके ही चाचा किशन बेन और उसके दो साथियों ने मिलकर छेड़छाड़ की। वहीं जब इस मामले को लेकर पीड़िता अपनी मां के साथ रांझी थाना पहुंची तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं की।

2 साल पहले भी पीड़िता के साथ किया था छेड़छाड़

पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी जब घर पर अकेली थी, तभी पड़ोस में रहने वाले चाचा किशन बेन जबरन गर में घुसकर बेटी के साथ छेड़छाड़ की। साथ ही उन्होंने बताया कि 2 साल पहले भी उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ हुई थी, जिसकी शिकायत पर आरोपी किशन बेन को दो साल की जेल हुई। वहीं हाल ही में जमानत पर छूटकर आने के बाद अकेला पाकर उसके द्वारा उनकी बेटी के साथ फिर छेड़छाड़ की गई। जब पीड़िता के परिवार वालों ने रांझी थाने इसकी शिकायत करने पहुंचे तो परिवार वालों की न तो उनकी बात सुनी गई न ही रिपोर्ट दर्ज की गई। जिसके कारण पड़ित परिवार एसपी ऑफिस गुहार लगाने के लिए पहुंची।

पीड़िता की मां ने जल्द न्याय मिलने की लगाई गुहार

पीड़िता की मां ने बताया कि बीते दो दिनों से रोज थाने में सुबह से बुला लिया जाता है और शाम होने तक भी रिपोर्ट नहीं दर्ज की जाती है। उन्होंने बताया किय रांझी थाने के पुलिसकर्मी उल्टा उन्हें ही जलील कर बाहर बैठने की बात कह देते हैं। वहीं पीड़िता की मां ने गुहार लगाई है कि उनकी सुनवाई हो और जल्द न्याय मिले।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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