जबलपुर में बनाए गए दो अन्य सीटबेल्ट और हेलमेट जोन, प्रशासन ने ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए 1 जनवरी से की थी शुरूआत

Shashank Baranwal
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Jabalpur News: जबलपुर में यातायात के नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने एक पहल की शुरूआत की है। जिसको लेकर 1 जनवरी 2024 से शहर में दो सीटबेल्ट और हेलमेट जोन बनाए गए थे। वहीं ट्रैफिक पुलिस को इन दोनों ही जोन में जब काफ़ी अच्छे रिजल्ट मिले तो दो अन्य जोन 10 जनवरी 2024 बुधवार से शुरू किए गए हैं। जबलपुर शहर के गोरखपुर छोटी लाइन से आजाद चौक और त्रिपुरी चौक से मेडिकल चौराहा तक सीट बेल्ट और हेलमेट जोन बनाया गया है। शहर में अब कुल चार जोन ऐसे हो गए है, जहां से हेलमेट और सीट बेल्ट लगाए बिना निकलने नहीं दिया जाएगा।

प्रशासन ने बुधवार को जोन का किया निरीक्षण

बुधवार को ट्रैफ़िक एएसपी प्रदीप शेड़े, एएसपी कमल मौर्य ने दोनों ही सीटबेल्ट-हेलमेट जोन का निरीक्षण किया। एएसपी प्रदीप शेड़े ने बताया कि 1 जनवरी को सीजी बंगले से इलाहाबाद बैंक चौक और भारत माता चौक से गणेश चौक तक दो जोन बनाए थे। बीतें 9 दिनों में ही काफी अच्छा रिजल्ट देखने को मिला है। यही वजह है कि आज से शहर में दो और क्षेत्रों में जोन बनाए जा रहें हैं। वहीं एएसपी का कहना है कि अभी लोगों को समझाईश दी जा रहीं है कि बिना सीट बेल्ट के कार और बिना हेलमेट के बाइक ना चलाए। उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य चालान करना नहीं बल्कि यातायात के नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। यही वजह है कि धीरे-धीरे शहर में अलग-अलग क्षेत्र में सीट बेल्ट और हेलमेट जोन बना रहे हैं।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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