असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं बनाए जाने पर हाई कोर्ट गई दो महिलाएं, डीन के खिलाफ दायर की याचिका

Jabalpur News

जबलपुर, संदीप कुमार। महात्मा गांधी मेडिकल काॅलेज में डेमोस्टेटर के पद पर पदस्थ दो महिला कर्मियों ने असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं बनाये जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि उन्होंने जिन्हें पढ़ाया उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति किया गया है। दोनों पद पर जिन्हें नियुक्त किया गया है, वह दंपत्ति हैं और पहले से दूसरे मेडिकल काॅलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ थे।

हाई कोर्ट के जस्टिस विशाल घगट ने याचिका की सुनवाई करते हुए, पूरे मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि नियुक्ति न्यायालय के आदेश के अधीन रहेगी। याचिकाकर्ता डाॅ अर्चना रोमोले और डाॅ श्वेता श्रीवास्तव की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया कि वह गांधी मेडिकल काॅलेज भोपाल में पैथालाॅजी तथा केमेस्ट्री विभाग में डेमन्स्टेटर के पद पर विगत 15 साल से कार्यरत हैं। सरकार के नियम अनुसार उन्हें वरिष्ठता के आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति दी जानी थी। लेकिन मेडिकल काॅलेज के डीन ने धुवेन्द्र पांडे तथा उनकी पत्नी स्मिता पांडे को असिस्टेंट पद पर नियुक्त कर दिया। असिस्टेंट प्रोफेसर बनाये गये दंपत्ति उनके विद्यार्थी थे, दोनों पहले से रतलाम स्थित मेडिकल काॅलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त थे।

जनवरी में होगी मामले की अगली सुनवाई
याचिका में कहा गया था कि सरकार के सर्कुलर के अनुसार वरिष्ठ के आधार पर डेमन्स्टेटर को असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया जाना था, इसके बावजूद भी डीन ने दूसरे मेडिकल काॅलेज के पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर दंपत्ति को उक्त नियुक्ति प्रदान की है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए, याचिका पर अगली सुनवाई जनवरी माह के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की गयी है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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