जबलपुर, संदीप कुमार। देश को सबसे बड़ी और घातक तोप 155 एम एम धनुष तोप देनी वाली गन कैरिज फैक्टरी के जूनियर वर्क्स मैनेजर एससी खटुआ की मौत की अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने के लिए अब फॉरेंसिक मेडिको लीगल एक्सपर्ट डॉ. दिव्य किशोर सतपति को बुलाया गया है। वे आज 7 फरवरी को सेंट्रल स्कूल नं.-1 के पीछे पंप हाउस के पास पत्थरों के बीच खोह में पहुंचे। जहां एससी खटुआ की लाश मिली थी।
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डॉ. डीके सतपति ने पुलिस की एसआईटी की उपस्थिति में सीन रिक्रिएट कराते हुए मौके पर कई सवाल भी किए। घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद डॉ. सतपति अब तक हुई जांच एवं उससे जुड़े सभी साक्ष्यों का अवलोकन भी करेंगे। जानकारी के अनुसार डॉ. सतपति भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिको लीगल डिपार्टमेंट के पूर्व डायरेक्टर हैं। उन्होंने कई बड़े मामलों को सुलझाया, जो पुलिस के लिए गुत्थी बनकर रह गए थे। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा का कहना है कि इस प्रकरण का खुलासा करने हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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गौरतलब है चर्चित मामला आयुध निर्माणी से जुड़ा हुआ था, जिसमें जीसीएफ द्वारा निर्मित धनुष आर्टलरी गन 155 एमएम में उपयोग होने वाले वायरलैस रोलिंग बैरिंग का ठेका दिल्ली की सिद्धी सेल्स कंपनी को दिया गया था। कंपनी ने चाइना मेड में, मेड इन जर्मन की सील लगाकर बैरिंग की सप्लाई कर दी थी। मामले की सीबीआई जांच के आदेश हुए थे और जांच के दौरान जीसीएफ में जेडब्ल्यूएम रहे शारदा चरण खटुआ से भी पूछताछ हुई थी। 10 जनवरी 2019 को सीबीआई ने उसके घर रेड डाला। टीम कम्प्यूटर की हार्डडिस्क व मोबाइल जब्त कर ले गई थी। इस मामलें में उस वक़्त नया मोड़ आ गया जब 17 जनवरी को शारदा चरण खटुआ को दिल्ली बुलाया था, पर वे जा नहीं पाए। 17 की सुबह शारदा चरण खटुआ घर से निकले और कृपाल चौक तक गए। इसके बाद वह गायब हो गए। CCTV में सुबह नौ से 10 के बीच में वह लौटते दिखे थे। घमापुर थाने में गुमशुदगी दर्ज हुई थी। 22 दिन बाद 5 फरवरी 2019 को खटुआ की खून से लथपथ लाश पाटबाबा के पीछे मिली थी। मामले में एसआईटी गठित हुई, पर अब तक खुलासा नहीं हुआ। पत्नी मौसमी खटुआ सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में केस लगा रखा है।