विधायक की टीम ने पकड़ा शातिर ठग, पीएम आवास योजना के नाम पर देता था झांसा

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। पुलिस का काम जनता की सुरक्षा करने के साथ साथ अपराधियों को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचाना भी है लेकिन जब पुलिस लापरवाह हो जाये तो कौन मोर्चा संभालेगा ? इसका उदाहरण है जबलपुर के पनागर से विधायक सुशील इंदु तिवारी। विधायक की टीम ने एक ऐसे शातिर ठग को पकड़ा है जो क्षेत्र की भोली भली जनता को पीएम आवास योजना के तहत आवास दिलाने के नाम पर ठग रहा था। विधायक ने उसकी शिकायत में  शिकायत भी की लेकिन जब पुलिस ने एक्शन नहीं लिया तो वे अपनी टीम के साथ मैदान में उतरीं।

दरअसल जो काम जिला प्रशासन और पुलिस को करने चाहिए थे अब वह काम जनप्रतिनिधि कर रहे हैं, ताजा मामला पनागर विधानसभा से जुड़े क्षेत्र का है जहां पर एक युवक कई सालों से गांव की भोली भाली जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान और पट्टे दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए ठग रहा था, इसकी शिकायत पहले भी विधायक ने पुलिस के अधिकारियों से की पर कार्यवाही नहीं हुई, आखिरकार पनागर विधानसभा से विधायक इंदु तिवारी को खुद ही मोर्चा संभालना पड़ा और अपने कार्यकर्ताओं को फर्जीवाड़ा करने वाले की तलाश में जुट गए।

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भाजपा विधायक के कार्यकर्ताओं ने राजकुमार दुबे नाम के एक युवक को पकड़ा है जिसके पास से हजारों रुपए भी मिले हैं बताया जा रहा है कि आरोपी युवक राजकुमार दुबे ने अभी तक करीब 500 से ज्यादा लोगों को ठक कर उनसे लाखों रुपए वसूल लिए हैं, आरोपी राजकुमार कभी आर आई तो कभी पटवारी बनकर गांव-गांव घूमता था और फिर उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना और पट्टे दिलवाने के लिए रकम की डिमांड करता था।

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पनागर विधायक सुशील इंदु तिवारी ने कहा है कि करीब 3 साल पहले उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी पर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, लिहाजा मजबूर होकर उन्हें अपने कार्यकर्ताओं के साथ आरोपी की तलाश में उतारना पड़ा, विधायक इंदु तिवारी ने यह भी आरोप लगाए हैं कि आरोपी राजकुमार दुबे के साथ और भी कई विभागीय अधिकारी शामिल हो सकते हैं जो कि उसे दस्तावेज तैयार करवाने में मदद करते थे। फिलहाल आरोपी राजकुमार दुबे को गोहलपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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