महिला की हत्या का 24 घंटे में खुलासा, चरित्र संदेह के चलते पति ने दिया घटना को अंजाम

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार।  रविवार की देर रात ग्वारीघाट थाना स्थित भीम नगर में हुई एक महिला की हत्या (Murder) का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। महिला की हत्या (Women Murder) के आरोप में ग्वारीघाट थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने उसके दास्तां पति को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने चरित्र संदेह के चलते अपनी दास्तां पत्नी शालनी जैन की धारदार हथियार और उसके बाद सिर पर पत्थर पटक कर हत्या कर दी थी।  हत्या करने के बाद आरोपी पति भूपेंद्र गढ़ेवाल मौके से फरार हो गया था जिसके बाद पुलिस (Jabalpur Police) ने घेराबंदी ग्वारीघाट के पास से ही आज सुबह उसे गिरफ्तार किया।

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि शालिनी जैन के कई और लोग से अवैध संबंध हैं, इतना ही नहीं शालनी जैन हमेशा कोई ना कोई बहाना बनाकर अपने भाई के घर चला जाए करती थी और जब भी उससे घर के काम करने को कहो तो वह विवाद करने लगती थी। रविवार की देर रात भी भूपेंद्र जब घर पहुंचा तो उसका शालिनी से विवाद हो गया कुछ ही देर में विवाद इस कदर बढ़ा कि आरोपी ने पहले तो धारदार हथियार से उसके मुंह-गले में वार किया और फिर घर पर ही रखा है एक बड़ा पत्थर सिर पर पटक दिया, इसके चलते शालनी की मौके पर ही मौत हो गई। इधर घटना के बाद से फरार आरोपी को तलाश करने के लिए ग्वारीघाट थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच जुट गई, आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने शालनि जैन हत्याकांड का खुलासा करते हुए उसके पति को गिरफ्तार कर लिया।

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शालिनी जैन हत्याकांड का 24 घण्टे में खुलासे करने को लेकर थाना प्रभारी ग्वारीघाट भूमेश्वरी चौहान, उप निरीक्षक श्रीराम रघंवुशी, सहायक उप निरीक्षक. रणजीत सिंह, प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र सेन, आरक्षक तरुण मिश्रा, संदीप दुबे, मुकेश मसराम थाना ग्वारीघाट एवं क्राइम ब्रांच के सहायक उप निरीक्षक प्रमोद पांडेय, प्रधान आऱक्षक रामगोपाल, अजय सोनकर, अखिलेश यादव, राममिलन, आरक्षक अमित श्रीवास्तव की सराहनीय भूमिका रही है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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