कटनी, डेस्क रिपोर्ट। देश भर में कोरोना (Covid-19) से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार वैक्सीनेशन (Vaccination) लगाने को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोग वैक्सीन को लेकर अपनी अलग धारणा बना चुके हैं। जहां जिले के आदिवासी विकासखंड ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत बिचुआ गांव के लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए लगाई जा रही वैक्सीन का विरोध किया है। ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि वे बीमार नहीं हैं और उन्हें टीका नहीं लगवाना है। उन्होंने कहा कि जब बीमार होंगे तो लगवा लेंगे। बिचुआ करीब 1200 आबादी वाला गांव है। बताया जा रहा है कि गांव 10 से 12 लोगों ने वैक्सीन लगवाई भी है।
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ढीमरखेड़ा के ब्लॉक को-आर्डिनेटर दीपक रहंगडाले ने बताया कि गांव के लोग टीका लगवाने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि टीका लगवाने से बुखार आता है। हम लोग कोई भी टीका नहीं लगवाएंगे। वहां ग्रामीणों को टीका के प्रति काफी मोटीवेट किया गया लेकिन ग्रामीण टीका लगवाने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों ने टीम को भी गांव आने से मना कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कोरोना लेकर आप लोग ही आ रहे हो।
आखिर नहीं माने ग्रामीण
जानकारी के अनुसार टीम द्वारा ग्रामीणों से टीका लगवाने के लिए कहा जा रहा था। इसी दौरान गांव की महिलाओं सहित पुरुषों ने टीका लगवाने से इनकार कर दिया। टीकाकरण करने गई टीम द्वारा ग्रामीणों को काफी समझाइश दी गई और टीका लगवाने के फायदे भी बताए गए, लेकिन ग्रामीण नहीं मानें। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में कोरोना नहीं है। टीकाकरण करने गई टीम की ओर इशारा करते हुए ग्रामीण कहता है कि कोराना आप लोग यहां लेकर आएंगे। उसने कहा कि जिसे भी टीका लगता है वह बिस्तर में पर जाता है। तो वहीं महिलाएं ये कह रही हैं कि टीका नहीं लगवाने के कारण उन्हें आवास योजना, शौचालय बनाए जाने के लिए मिलने वाली सरकारी मदद भी नहीं देने की बात की जा रही है। ये सरकारी मदद मिले या न मिले, उन्हें टीका नहीं लगवाना है।