Kawad Yatra : मध्यप्रदेश का इंदौर शहर नवाचार को लेकर हमेशा देश में जाना जाता है। अभी हाल ही में भक्ति और आराधना में भी इंदौर के इंदौरियों ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। दरअसल, मात्र 5 दिनों के अंदर करीब 1500 किलोमीटर की यात्रा इंदौर के कावड़ियों ने डाक कावड़ यात्रा के दौरान पूरी की।
गंगोत्री से 5 दिन -रात दौड़ते हुए कावड़ लेकर 1500 किलोमीटर का सफर हंसते मुस्कुराते सभी कावड़ियों ने तय कर लिए। इस वह से ये देश की पहली दौड़ती हुई अनोखी डाक कावड़ यात्रा कहलाई जा रही है। यात्रा बीते दिन इंदौर पहुंच चुकी है। ये 9वीं डाक कावड़ यात्रा थी। चलिए जानते हैं इस डाक कावड़ यात्रा की खासियत –
Dak Kawad Yatra की खासियत
सीताराम नॉन स्टॉप जर्नी डाक कावड़ यात्रा वो है जिसमें एक कावड़ को बारी-बारी से कावड़िया लेकर दौड़ते हैं। ये कहीं रुकते नहीं हैं दिन रात ये यात्रा जारी रहती है। 20 अगस्त के दिन दोपहर 12 बजे गंगोत्री से मां गंगा का जल लेकर भक्ति की अनोखी आराधना का क्रम शुरू हुआ। जो शुक्रवार के दिन समाप्त हुआ।
दिन रात अनवरत दौड़ते हुए शुक्रवार दोपहर में भक्तों का जत्था इंदौर पहुंचा। दरअसल, सीताराम भक्त मंडल के 200 श्रद्धालु 14 अगस्त को वाहनों के जत्थे के साथ इंदौर से रवाना हुए थे। जो 19 अगस्त को गंगोत्री पहुंचे थे 20 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में पूजन के बाद दौड़ती हुई कावड़ की शुरुआत हुई थी।
कावड़ियों ने लगातार 121 घंटे के रिकार्ड समय में 1500 किलोमीटर दूरी की है यात्रा तय की। खास बात ये है जो गंगा जल लाया गया था उससे इंदौर के मरीमाता चौराहे से बड़ा गणपति खजूरी बाजार राजवाड़ा, किशनपुर की पुलिया, मालवा मिल सयाजी चौराहा 78 स्कीम होते हुए अरण्य धाम आश्रम पर भगवान राम रामेश्वर का जल अभिषेक किया गया।
यहां से गुजरी कावड़ यात्रा
गंगोत्री से 5 दिन की यात्रा यहां से ऋषिकेश, हरिद्वार, मेरठ, दिल्ली, गुड़गांव, शाहपुरा, जयपुर, निवाई, टोक, देवली, बूंदी, कोटा, झालावाड़, सोयत, सुसनेर, आगर मालवा से उज्जैन और सांवेर होते हुए इंदौर पहुंचे।
इंदौर से मंगल राजपूत की रिपोर्ट