Khandwa News: अतिक्रमण हटाने में प्रशासन के छूटे पसीने, व्यापारी और अधिकारियों में हुई नोक झोक

निगम अधिकारियों ने अतिक्रमण को हटाने के लिए दुकानदारों को शुक्रवार तक का समय दिया है।

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Khandwa News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में अतिक्रमण हटाने प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। दरअसल, रोज़ी-रोटी कमाने के लिए रोड किनारे बैठने वाले अब हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक सप्ताह से स्थायी और अस्थायी अतिरक्रमणों को हटाने के लिए प्रशासन मुहिम चलाए हुए है, लेकिन प्रशासन इसे हटाने में नाकाम दिख रहा है।

दुकानदारों ने जमकर किया हंगामा

दरअसल, खंडवा जिले में अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई को लेकर कई लोग विरोध पर उतर आए हैं। एक तरफ घंटाघर इलाके में कुम्हारों ने हटने से ही मना कर दिया। वहीं, दूसरी तरफ लोहा बाजार में दुकान के बाहर रखे सामान उठाने और चालान बनाने पर दुकानदार ने जमकर हंगामा किया। आपको बता दें शाम को अतिक्रमणरोधी अमला घंटाघर पहुँचा था। इस दौरान कुम्हारों को दुकान हटाकर गांजा गोदाम के पास जाने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई भी दुकानदार नहीं गया।

शुक्रवार तक का दिया गया समय

अतिक्रमण हटाने के लिए जब निगम अधिकारी पहुंचे तो महिला दुकानदारों ने विरोध करना शुरू कर दिया। दरअसल, दुकानदारों का कहना था कि थोड़ी सी जगह में दुकान लगा लेंगे, लेकिन गांजा गोदाम नहीं जाएंगे। वहीं, निगम अधिकारियों ने अतिक्रमण को हटाने के लिए दुकानदारों को शुक्रवार तक का समय दिया है।

व्यापारियों और रेहड़ी वालों के बीच टकराव

आपको बता दें कि घंटाघर पर रखे ठेलों को पीछे हटा दिया गया है, जिसका दुकानदार विरोध कर रहे हैं। बुधवार को व्यापारियों और रेहड़ी वालों की ओर से विरोध भी हुआ। रेहड़ी वालों का कहना था कि वे 25 साल से यहां ठेले लगा रहे हैं, लेकिन निगम के कहने पर उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया था। वहीं दुकानदारों का कहना था कि स्थायी दुकाने पहले से ही ठेलों से दब गई हैं। ग्राहकों के लिए दुकानों तक पहुंचने की जगह नहीं है। वहीं, बर्तन व्यापारियों ने भी कार्रवाई का विरोध करते हुए बाजार बंद करने की चेतावनी दी है।

खंडवा से सुशील विधानी की रिपोर्ट


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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