राखी के दिन मिले तोहफ़े ने शख्स की बदल दी जिंदगी, आखिर क्या था यह तोहफ़ा

खंडवा, सुशील विधानी। सोचिए, किसी भाई को हाथ का तोहफा ऐन राखी के दिन मिल जाए। रक्षा-बंधन का त्यौहार उसकी जिंदगी की दीवाली से भी रोशनीभरा होगा। भावसिंगपुरा के राजेश की खुशी आठ साल बाद फिर लौट आई। उसकी बहन रंजना के तो आँसू थम ही नहीं रहे थे। परिजनों व गाँव वालों की आँखों में अलग ही चमक दिख रही थी। बहन ने राखी के दिन राजेश को इसी कृत्रिम हाथ में राखी बांधी और मिठाई खिलाई। इसके बाद भाई-बहन गले मिलकर बिलख पड़े। राजेश व परिवार को यह खुशी रोटरी क्लब ने दी है। यह संस्था चुपचाप बड़े काम करती है। अभी तक करीब एक दर्जन कृत्रिम हाथ जरूरतमंदों को लगवा चुकी है। समाजसेवी व क्लब के सदस्य सुनील जैन ने बताया कि आपको यह जानना भी जरूरी है कि यह खुशनसीब युवक कौन है? राजेश पिता लक्ष्मण निवासी ग्राम भावसिंगपुरा का निवासी है। उसका बायां हाथ थ्रेशर में 8 साल पहले आकर कट गया था। रोटरी क्लब खंडवा ने कृत्रिम हाथ लगवाकर यह सेवा करता है। इसकी जानकारी राजेश को भी मिली। राजेश ने क्लब के भारत झंवर से संपर्क किया। रक्षाबंधन के दिन उन्हें केशव सेवाधाम विकलांग आश्रम, खंडवा में कृत्रिम हाथ रोटरी क्लब खंडवा के लोकेश झंवर, दिलीप राठौर, भारत झंवर, अनन्या झंवर की उपस्थिति में भेंट किया। इस हाथ के उपयोग की ट्रेनिग दी।

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Harpreet Kaur