Omkareshwar News : विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग नगरी ओंकारेश्वर में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचतें हैं, जहां से ज्योतिर्लिंग भगवान् ओंकारेश्वर के दर्शन करने के बाद जब वो नया झूला पुल पंहुच रहे हैं तो पुल बंद होने के कारण उन्हें मायूस होकर ही लौटना पड रहा हैं। अमावस्या-पूर्णिमा सहित शनिवार-रविवार को दर्शनार्थियों की संख्या अधिक रहती हैं। वहीं, पुल पर आवाजाही बंद होने से श्रद्धालुओं को बिना दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों में गहरा रोष बना है जबकि स्थानीय लोग भी परेशान हो रहे हैं।
बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक
बता दें कि अमावस्या पुर्णीमा एवं सप्ताहांत और त्योहारी अवकाश के चलते ओंकारेश्वर में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। शिवरात्री सोमवती अमावस्या श्राद्ध अमावस्या जैसे बडे पर्वों पर खण्ड़वा जिला प्रशासन को अपनी आयु पूरी कर चुके पुराने झूला पुल के ऊपर से रिस्क लेकर श्रद्धालुओं को नर्मदा पार कराना पड़ा। लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पुराना झूला पुल अपनी उम्र पार कर चुका है।
फरवरी से बंद है पुल
दरअसल, बीते फरवरी माह में खण्ड़वा जिला प्रशासन ने नर्मदा नदी के ऊपर बने झूला पुल को बंद कर दिया था। एनएचडीसी के सिविल महाप्रबंधक के साथ-साथ इन्दौर कमिश्नर पवन कुमार दुबे के निर्देश पर पुल की जाँच करने आई विशेषज्ञों की टीम ने भी यह स्विकार्य किया कि झूला पुल पर से सिमित संख्या में लोगों का आवागमन चालु रख सकते हैं लेकिन खण्ड़वा जिला कलेक्टर बिते दो माह से रिपेयरिंग होने के बाद चालु करने का हवाला देते चले आ रहे हैं। इस दौरान टुटा हुआ एक सस्पेंडिंग तार दुरुस्त भी कर लिया गया है तथा पुल पर लगे टिन शैड को हटा लिये गये हैं।
स्थानीय लोग में रोष
इस काम को करने में एनएचडीसी कंपनी को मात्र 5 दिन लगे लेकिन पुल को पिछले डेढ़ माह से बंद रखने का कारण लोगों की समझ से परे होता जा रहा है। जिसके बाद स्थानीय लोग धीरे-धीरे विरोध में आ रहे हैं। 14 फरवरी से बंद झुला पुल के दोनों सिरों पर ताले लगे पडे हैं। करिब दो माह से बंद झूला पुल पर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा की आड़ में ढीली कार्रवाई की जा रही।
लोगों की बढ़ी समस्याएं
ओंकारेश्वर नगर परिषद् अध्यक्ष मनिषा परिहार ने बताया कि, ‘झूला पुल बंद किए जाने से स्थानीय लोगों की समस्याएं बढ़ गई है। क्षेत्र वासियों को राशन दुकान से रोजमर्रा का सामान खरीदने, साप्ताहिक हाट बाजार करने, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए अभिभावकों को पुराने पुल मुख्य बाजार की भिड़ मे से होकर जाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। पुल के बंद रहने से लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।’
प्रशासनिक लापरवाही से परेशान लोग
मामले में नगर परिषद् के पूर्व उपाध्यक्ष पंडित नवल किशोर शर्मा ने कहा कि, ‘ओंकारेश्वर दर्शन करने आने वाले सैंकड़ों श्रद्धालु इतने परेशान है कि बगैर दर्शन किये ही उन्हें लौटना पड़ रहा है क्योंकि वृद्धजनों को पालकी, व्हिल चेयर नहीं मिलती। नाव से मंदिर आने की सोंचे भी तो सिढि़यां चढ़-उतर नही पाते। वहीं, स्थानीय लोगों का रोजगार भी जा रहा है। एनएचडीसी कंपनी ओर प्रशासनिक लापरवाही के कारण ही जनता परेशान हो रही हैं।
जन आन्दोलन की चेतावनी
झूला पुल का टुटा हुआ सस्पेंडिंग तार भी कंपनी ने एक दिन में जोड़ दिया। तीन दिन में झूला पुल के ऊपर लगा टिन शैड़ हटा दिया। इंदौर के विशेषज्ञों की टिम ने आवागमन चालु रखने की बात कह गए। एनएचडीसी के सिविल महाप्रबंधक पुल चालु रखने के लिये बोल गये हैं। इसके बावजूद, पिछले 45 दिनों से पुल बंद करके रखा हुआ है। इसलिए शिघ्र अतिशिघ्र नया झूला पुल चालु नहीं किया गया तो ओंकारेश्वरवासी एक बडा जन आन्दोलन करने की तैयारी में है।
रोजीरोटी पर छाया संकट
प्रशासन द्वारा पुल पर आवाजाही रोके जाने से स्कूली बच्चों तथा अन्य लोगों को कुछ मीटर की दूरी तय करने के बजाय अपने घरों तक पहुंचने के लिए अब करीब 1 किमी. का पैदल सफर तय करना पड़ रहा है। वहीं, ओंकारेश्वर की स्थानीय निवासी मनिषा बाई ने कहा कि, “झुला पुल बंद होने से परिवार के लालन पालन में बडी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह से दर्जनों महिलाओं के परिवार पर रोजीरोटी का संकट आ खडा हुआ है।”
खंडवा से सुशील विधाणी की रिपोर्ट