खंडवा : बाल संप्रेक्षण गृह से 7 नाबालिग आरोपी दीवार फांद कर हुए फरार

Amit Sengar
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खंडवा, सुशील विधाणी। बाल संप्रेक्षण गृह से रविवार सुबह 7 नाबालिग आरोपी फरार हो गए। यह चोरी, अपहरण और लूट की घटना के आरोपी थे घटना की जानकारी संप्रेक्षण गृह के कर्मचारियों को सुबह लगी जब 7 बच्चे कम पाए गए, कर्मचारियों ने तत्काल घटना की जानकारी बाल संप्रेक्षण गृह की अधीक्षिका को दी, अधीक्षिका ने घटनाक्रम की जानकारी खंडवा कोतवाली पुलिस को दी।

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घटना की जानकारी लगते ही थाना प्रभारी सिटी कोतवाली बलजीत सिंह दलबल के साथ पहुंच गए मौका स्थल पर वही नगर पुलिस अधीक्षक ललित गठरे पहुंचे बाथरूम की दीवार तोड़कर संरक्षण गृह की दीवार फांद कर 7 बच्चे फरार हो गए हैं किसकी लापरवाही है यह तो जांच का विषय है लेकिन इनमें खंडवा (khandwa), बुरहानपुर, इंदौर, खरगोन और होशंगाबाद के विचाराधीन कैदी थे कई मामलों में सजा काट रहे थे।

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एडीपीओ हरजिंदर सिंह अरोरा के चार्ज में था बाल संरक्षण गृह पहले भी इनके समय चार्ज में रहते हुए यहां से बच्चे भाग चुके हैं इनका ट्रांसफर होने के बाद भी उन्हें रिलीव नहीं किया गया क्योंकि इनके चार्ज में बाल संरक्षण गृह है इस बात को बोलकर एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली है इन 7 नाबालिग के फरार होने के बाद प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार ये 7 नाबालिग आरोपी दीवाल तोड़कर भागने में कैसे सफल हो गए ? संप्रेक्षण गृह में तैनात चौकीदार आखिर घटना के समय कहां थे, जो उन्हें घटना की जानकारी इतनी देर से क्यों लगी जिले में ही अलग-अलग लूट, अपहरण और चोरी जैसे मामले विचाराधीन हैं, खंडवा (khandwa) पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

गौरतलब है इस संप्रेक्षण गृह में कुल 8 किशोर थे जिसमे 7 के फरार होने के बाद एक किशोर बचा हुआ है बताया जा रहा है की यह 7 नाबालिग आरोपी पेड़ के सहारे बाउंड्रीवाल फांदकर भाग निकले।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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