नवजात की अंगुलियां काटने का मामला: शव को जमीन से निकालकर करवाया जाएगा पीएम

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मौत

खंडवा ।सुशील विधानी।

6 -6 उंगली प्रकरण में अब एसडीएम से स्वीकृति लेकर मृत नवजात बालिका का  दफन किया गया शव निकालेर उसका पीएम कराया जायेगा।  यह जानकारी खालवाथाना  प्रभारी हीना डाबर ने दी।  दरअसल,मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस हरकत में आई है। उधर बीएम ओ ने क्षेत्र  के स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर  एनएनएम के तीन तीन दिन का वेतन काटने के आदेश दिये है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बनाये गये पंचनामे  में कहा गा है कि प्रसूता ने  बालिका के दोनो हाथ में 6-6  उंगलिया होने को अंधविश्वास के चलते हाशिये ये एक एक  उंगली कम कर दी और फिर जख्म पर गोबर का लेप लगाकर पलाश का पत्त्ता लपेटकर  बांंध दिया जहां इन्फेक्शन का  शिकार होकर  घटना के 6 घण्टे बाद ही उसकी मौत होने  पर उसके दफना दिया गया।

अगले दिन मामला जन चर्चा में आने पर बीएमओ शेलेन्द्र कटारिया  मौके पर सुन्दरदेव ग्राम पहुंचे। पंचनामा बनाकर संबधित अधीनस्थों का कारण बताओ नोटिस जारी किया जिसके प्रतिफल में सुपरवाईजर व एनएनएम की लापरवाही ाते हुये तीन  तीन दिन कावेतप काटने केआदेश  उन्होने आज दिये। पुलिस भी हरकत में आई है और  दफनाये गये बच्ची का शव निकलवाकर पीएम कराने की  तैयारी में है। यह कारध््रवाही  संभवतः शनिवार कोहो  सकती है। नवजात बालिका का  दफन किया गया शव निकालेर उसका पीएम कराया जायेगा

ये है पूरा मामला

आदिवासी तहसील खालवा के एक गाँव मे महिला ने अपनी कोख से पैदा हुई नवजात बच्ची की उंगलियां काट दी जिससे बच्ची कि मौत हो गई। इस बच्ची के हाथ और पैर में छह छह उंगलियां थी । माँ ने घर पर ही बच्ची को जन्म दिया था। आदिवासियों में अंधविश्वास के चलते इसे अशुभ लक्षण माना जाता है। इसी वजह से बच्ची की जान चली गई। गाँव मे ही anm और आशा कार्यकर्ता भी है उसके बावजूद घर पर डिलेवरी हो गई और दो दिन बाद इन्हें पता चला मामला खालवा के सुन्दरदेव गाँव का है। 22 दिसंबर  पिछले शनिवार को गाव के रामदेव कोरकू के यहाँ पत्नी को घर पर ही प्रसव हुआ और एक लड़की पैदा हुई।

 डिलेवरी होने के बाद महिला ने देखा कि बच्ची के दोनों हाथ और पैर में एक एक उंगली ज्यादा है तो उसने ब्लेड से उंगली काट दी। काटने के बाद उसने गोबर और पत्ते बच्ची के घाव पर लगा दिए। घटना के छह घंटे बाद नवजात बच्ची की मौत हो गई। बच्ची को दफना दिया गया। दो दिन बाद गाँव समाज से होते हुए खबर बाहर आई तब असलियत पता चली। आ नन फानन में ब्लॉक मेडिकल आफिसर ने एएनएम और आशा कार्यकर्ता को फटकारा और कारण वताओ नोटिस जारी किया। महिला का कहना था कि एक एक उंगली ज्यादा थी इसलिए बड़ी होने पर कोई शादी नही करता यह सोचकर ब्लेड से काट दी, उसे नही मालूम था कि बच्ची मार जाएगी।

जिला स्तर पर भी इस घटना के बाद हलचल मची तो इस महिला का रिकार्ड देखा गया। पता चला कि इस आदिवासी महिला का रेगुलर चैक उप anm और आशा कार्यकर्ता कर रही थी। लेकिन डिलेवरी अस्पताल में होने के बजाय घर पर कैसे हो गई यह इनकी पोल खोलता है। बड़ी बात है कि डिलेवरी होने और बच्ची की मौत हो जाने के दो दिन बाद इन्हें पता चला। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी इसे  आदिवासियों में जागरूकता की कमी और अंधविश्वास मानते है। बच्ची की मौत इंफेक्शन फैलने के कारण हुई।


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