MP by election 2020- सांसद नंदकुमार सिंह चौहान की सभा में हुआ हंगामा, लगे बिकाऊ और टिकाऊ के नारे

Gaurav Sharma
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uproar in Khandwa MP Nandkumar Singh Chauhan's meet

खंडवा, सुशील विधाणी। मध्यप्रदेश उपचुनाव 2020 (MP by election 2020)  में खंडवा की मांधाता विधानसभा सीट (Mandhata Assembly Seat) से कांग्रेस पार्टी(congress party) छोड़ भारतीय जनता पार्टी(Bharatiya Janata Party) के उम्मीदवार बने नारायण पटेल (Narayan Patel) को चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है ।

नारायण पटेल के कारण चुनाव में उनकी वैतरणी पार लगाने वाले खंडवा के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान (Khandwa MP Nandkumar Singh Chauhan) को भी इस विरोध का सामना करना पड़ रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान मोहद और गुराडिय गांव के लोगों ने उन्हीं के सामने कांग्रेस के प्रत्याशी उत्तम पाल सिंह (Congress candidate Uttam Pal Singh) के नारे लगाए। ग्रामीण लोगों का आक्रोश अपने गांव में किसी भी तरह का विकास कार्य नहीं होने को लेकर था।

 

मांधाता विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बने नारायण सिंह पटेल को जिताने की जिम्मेदारी खंडवा के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान पर है। इसीलिए वह गांव गांव में जाकर नारायण पटेल की छवि बनाने में लगे हुए हैं। 15 महीने पहले ही इस क्षेत्र के लोगों ने कांग्रेस के टिकट पर नारायण पटेल को विधायक बनाया था, लेकिन पार्टी की विधायकी छोड़ भाजपा में शामिल हुए नारायण पटेल को अब लोगों के सवालों का सामना करना पड़ रहा है।

क्षेत्र के हर गांव में बिकाऊ और टिकाऊ का नारा बुलंद है। लोग पुराने वादों और गांव के विकास के कामों के बारे में सवाल कर रहे है। गोराडिया में लोगों ने नंदकुमार सिंह के सामने ही कांग्रेस के उम्मीदवार उत्तमपाल पाल सिंह के पक्ष में नारे लगाए। लोगों ने कहा लालों के लाल उत्तम पाल।

यही हाल मोहद गांव में भी था। यहां मंच के सामने ही लोग आपस मे उलझ गए। नंदकुमार सिंह भाषण देते रहे और लोग सवालों की बौछार करते रहे। आखरी गांव मे रात के अंधेरे में नंदकुमार सिंह लोगों में कांग्रेसियों को तीतर पकड़ने वाले शिकारी बताते हुए सतर्क रहने की हिदायत देते रहे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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