कार्यक्रम अधिकारी को महंगा पड़ा संस्था की जांच करना, झूठे आरोप में फंसाया

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खंडवा। सुशील विधानि।

खंडवा मध्यप्रदेश शासन में यह कैसा राज चल रहा है जहां किसी संस्था  की जांच करना ही महंगा पड़ा कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास को आखिर क्यों महिला अधिकारी को संस्था द्वारा टारगेट बनाया गया झूठे आरोप में फंसा कर क्यों सस्पेंड करा दिया गया आखिर वह जांच कहां खो गई जहां संस्था से बच्चे भाग रहे थे उस समय के सीसीटीवी कैमरे भी क्यों बंद थे इसकी भी जांच होनी चाहिए संस्था से भागे बच्चे वापिस कैसे लौट कर आ गए आखिर कहां गए थे वह बच्चे और कुछ बच्चे जो अभी तक नहीं आए आखिर वह कहां है इसकी भी जांच होनी चाहिए क्या बच्चों के साथ कोई शोषण हो रहा था या बच्चों के साथ मारपीट हो रही थी ऐसे कई प्रश्न संस्था के हैं लेकिन संस्था इसे छुपा रही है इसकी जांच होनी चाहिए यदि इसी प्रकार जांच अधिकारियों को ही टारगेट बनाकर फंसाया जाएगा तो आने वाले समय में मध्यप्रदेश में कोई भी अधिकारी जांच दल का हिस्सा नहीं बनेगा पूरे घटनाक्रम पर नजर डाले तो

कब कब भागे संस्था से बच्चे

कहने को तो राज्य शासन द्वारा अशासकीय संस्था नवजीवन चिल्ड्रन होम गणेश तलाई को किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संस्था अधिनियम 2000 की धारा 34 एक के अंतर्गत बाल गृह संचालन हेतु मान्यता प्रदान की गई है लेकिन संस्था में पूर्व के रिकॉर्ड को देखा जाए तो आखिर इस संस्था में बच्चे क्यों भाग जा रहे थे उनका शोषण हो रहा था आखिर संस्था के कैमरे क्यों बंद है पहला मामला संसार से भागे बच्चे का देखा जाए तो पत्र क्रमांक 310 2018 को 20=18=283 को बाल कल्याण द्वारा बाल कल्याण समिति द्वारा जांच के लंबित रहने के दौरान बालक काजू पिता दिनेश उम्र 7 वर्ष निवासी खंडवा को आगामी अवधि के लिए संस्था में रखे जाने का आदेश अनुसार बालक को नवजीवन बाल गृह में रखा गया था लेकिन 23/6/ 2019 को सुबह 7:30 बजे बालक संस्था से गुम हो गया संस्था के कर्मचारियों द्वारा बालक को ढूंढने का प्रयास किया गया लेकिन बालक नहीं मिला इसकी सूचना बाल कल्याण समिति खंडवा कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग खंडवा को 26/6/ 2019 को दी गई वही f.i.r. भी कराई गई लेकिन बालक नहीं मिला वही 11/ 6 /2019 को पत्र क्रमांक 2019/49 को बाल कल्याण समिति द्वारा जांच लंबित रहने के दौरान बालक अमीन मोहम्मद पिता अजीज उम्र 15 वर्ष निवासी रामेश्वर टेकरा खंडवा को संस्था द्वारा रखा गया 17 6 2019 को शाम 6:30 बजे संस्था के खेल मैदान से दीवार कूदकर बालक भाग गया कर्मचारी उसके पीछे दौड़े लेकिन वह रेलवे पटरी दौड़ता हुआ भाग गया लेकिन वह भी पकड़ा नहीं गया

जिला स्तरीय परामर्श समिति द्वारा संस्था का निरीक्षण

28 जून 2019 को जिला स्तरीय परामर्श समिति द्वारा संस्था नवजीवन चिल्ड्रन सॉन्ग में निरीक्षण किया गया जिसमें पलायन हुए बालकों की जानकारी चाही गई संस्था द्वारा भागे गए बच्चों की जो जानकारी दी गई वह इस प्रकार है 1/1/ 2018 ग्रह से पलायन और भाग्य बच्चे इस प्रकार हैं सुमित 25-07-2018 कपिल 23-9-2018 छोटू 15 11 2018 राकेश 1/1/ 2018/ काजू 23/6/ 2019 को संस्था से भाग गए थे

जिला सत्र न्यायाधीश ने दिए थे निर्देश सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग दी जाए

3/6 /2019 को महिला बाल विकास विभाग द्वारा संस्था से सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की रिकॉर्डिंग 15 दिन में देने को कहा गया 3/8 /2019 को माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय ने बैठक में संस्था को निर्देशित किया गया कि 15 दिन के अंदर आप सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग जिला बाल संरक्षण अधिकारी को उपलब्ध कराएं जो अभी तक नहीं उपलब्ध हो पाई

संस्था से भागे बच्चे और अनियमितता की जांच के लिए जिला प्रशासन ने किया था दल का गठन

जिला कलेक्टर के निर्देश के अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत  ने स्वास्थ्य अधिकारी सीएचएमओ चौहान जी नीलेश रघुवंशी आदिम जाति कल्याण विभाग और अंशु बाला मसीह कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग के साथ राजकुमार साहू जांच टीम में थे पूर्व में भी संस्था में कई बार बच्चों के साथ मारपीट हुई यहां तक कि एक बार बच्चे की हत्या भी हो गई थी आश्रम से लेकर बालिका आश्रम में भी पूर्व में कई बार शोषण हो चुका है इसी को लेकर अधिकारी गंभीर थे उन्होंने संस्था में कई बार जांच के लिए पहुंचे लेकिन संस्था द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया जाता था संस्था द्वारा भागे गए बच्चों की जानकारी तो दे दी गई लेकिन सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग क्यों नहीं दी गई इसकी भी जांच होनी चाहिए

क्या है मामला

मामला राज्य शासन द्वारा अशासकीय संस्था नवजीवन चिल्ड्रन होम द्वारा आरोप लगाया गया कि महिला बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी अंशुवाला मसीह और उनके अधीनस्थ कर्मचारी हरजीत सिंह अरोरा संस्था के सितंबर 2018 से नवीनीकरण की मांग की जा रही थी और संस्था द्वारा 51 लाख 76 हजार का प्रस्ताव के अनुदान की राशि की मांग की थी महिला बाल विकास के हरजीत सिंह अरोरा ने फोन पर बात की कि आपकी संस्था को राशि उपलब्ध करा दी जाएंगी लेकिन इस के बदले आप को 50% का कमीशन राशि देनी पड़ेगी नहीं तो मैडम अंशु बाला मसीह आप की संस्था की मान्यता रद्द कर देगी संस्था द्वारा या रिकॉर्डिंग कलेक्टर महोदय को दी गई कलेक्टर ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी पुरुषोत्तम पाटीदार ने जांच करने के उपरांत इन्हें सस्पेंड कर दिया 

क्या कहना है

यदि संस्था द्वारा भी कुछ गलत किया गया है तो उसकी भी जांच कराएंगे संस्था द्वारा रिकॉर्डिंग भेजी गई थी जिसमें अधिकारी द्वारा 50% कमीशन की बात कही थी इस पर जांच बैठी जांच रिपोर्ट के बाद ही सस्पेंड किया गया है

तन्वी सुंद्रियाल जिला कलेक्टर खंडवा

संस्था नवजीवन चिल्ड्रन होम की सिस्टर से जब बात करनी चाही तो उन्होंने कहां की अभी इंदौर में हूं बाद में बात करेंगे

सिस्टर इमली नवजीवन चिल्ड्रन होम संस्था प्रमुख

बारिश की वजह से संस्था के सीसीटीवी कैमरे बंद हो जाते हैं। जो बच्चे भाग जाते हैं वह फिर लौट के आ भी गए थे एक को जीआरपी पुलिस ने पकड़ कर वापस लाए थे और एक कटनी में बच्चा मिला था 1 माह और 3 माह बाद यह बच्चे वापस लौट आए थे किस प्रकार की शिकायत हुई है मुझे कोई जानकारी नहीं पूरा काम सिस्टर देखती है

पुनीत संस्था नवजीवन चिल्ड्रन होमअकाउंट सेक्शन

मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार है झूठे हैं मुझे फंसाया जा रहा है क्योंकि पूर्व में मैंने और अन्य अधिकारियों ने संस्था की जांच की थी लगातार संस्था से बच्चे भाग रहे थे संस्था के कैमरे बंद थे यह सब पूर्व में अधिकारियों को बताया जा चुका है संस्था द्वारा झूठा नाम लेकर  मुझे केवल फसाया गया लेकिन मैं हर जांच के लिए तैयार हूं

अंशु बाला मसीह  कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अधिकारी (सस्पेंड अधिकारी)


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