रिश्वत मांगने के आरोप में दो अधिकारियों पर गिरी गाज, प्रशासन ने किया निलंबित

Published on -

खंडवा। सुशील विधानि। 

मध्य प्रदेश के खंडवा में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिले के दो बड़े अफसरोंं पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें महिला एवं बाल विकास अधिकारी और महिला एवं बाल विकास के सहायक संचालक शामिल हैं। दोनों अफसरों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। जिसके बाद प्रशासन ने दोनों की निलंबित कर दिया है। 

दरअसल, जिले की नवजीवन चिल्ड्रन होम संस्था ने महिला एवं बाल विकास में पदस्थ इन दोनों अफसरों की शिकायत की थी।  जिसमें महिला एवं बाल विकास अधिकारी अंशुबाला और महिला एवं बाल विकास के सहायक संचालक हरजिंदर का नाम शामिल था। इसके बाद प्रशासन ने इन दोनों ही अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि इन अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप है, जानकारी के अनुसार इसके पहले भी मंदसौर में 50 हजार की रिश्वत लेते हुए महिला एवं बाल विकास अधिकारी अंशुबाला पकड़ी गई थी। इसके बाद भी इनके सर से भ्रष्टाचार का भूत नही उतरा।

अधिकारी अंजू बाला मसीह और सहायक संचालक अधिकारी हरजिंदर अरोड़ा सस्पेंड किया गया है।  नवजीवन चिल्ड्रन होम संस्था से 50% कमीशन रिश्वत मांगने की शिकायत पर इन पर कार्रवाई  । नवजीवन चिल्ड्रंस होम संस्था अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि उनकी संस्था 2003 से संचालित है एफ आई सी पी एस के तहत 2012 से मान्यता प्राप्त होकर निराश्रित एवं जरूरत मंद बच्चों के लिए काम करती है संस्था का सितंबर 2018 से नवीनीकरण की प्रक्रिया लंबित थी इस संस्था में 29 जून 2019 संस्था अध्यक्ष को महिला बाल विकास विभाग के कार्यालय बुलाकर 2019 और 2020 के अनुदान की राशि प्रस्ताव के संबंध में जानकारी ली गई अधीक्षक ने बताया कि संस्था द्वारा 51 लाख 76 हजार रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है इस पर सहायक संचालक हरविंदर सिंह अरोड़ा ने कहा हम आपको अनुदान इस शर्त पर दिलाएंगे की आप उसमें से 50% की राशि का कमीशन अंशु बाला मसीह को देंगे अन्यथा आप की मान्यता रद्द करने के संबंधित नकारात्मक रिपोर्ट बना देंगे शिकायत आवेदन पत्र की जॉर्ज कलेक्टर द्वारा अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी पुरुषोत्तम पाटीदार ने कराई गई जांच के दौरान संस्था अधीक्षक ने एक पेन ड्राइव उपलब्ध कराई जिसमें सहायक संचालक आरोड़ा की आवाज की रिकॉर्डिंग है नवीनीकरण के लिए अरोरा द्वारा यह कहा गया कि राशि कितनी तय कर सकते हैं जांच रिपोर्ट पर प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर ने संभावित को भेजा सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत जांच में दोषी पाए जाने पर निलंबित किया गया

क्या कहना है

अनुदान के संबंध में मेरी कोई से बात नहीं हुई मुझे केवल झूठे आरोप में फंसाया जा रहा है वॉइस रिकॉर्डिंग भी जो है वह सहायक संचालक की है जो मेरे अधीनस्थ कार्य करते हैं उनके द्वारा मेरा कोई जिक्र नहीं किया गया पूरे मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है मैं हर जांच के लिए तैयार हूं

अंशु बाला मसीह जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News