खंडवा। सुशील विधानि।
मध्यप्रदेश के खंडवा में संपूर्ण विकास एवं पानी के हक का अधिकार को लेकर युवा आंदोलन कर रहे है। नगर निगम के पास क्रमिक भूख हड़ताल फिर अनिश्चित कालीन हड़ताल और अब आमरण अनशन पर बैठे है। आज दिनांक तक कोई जिम्मेदार अधिकारी या जन प्रतिनिधि धरना स्थल पर नहीं आये। युवा आंदोलन को आमजन का समर्थन भी मिल रहा है अब पूरा शहर अपना अधिकार मांग रहा है, पानी का हक हमें दिया जाये। आंदोलनकारियों ने बताया कि भीषण जलसंकट का प्रमुख कारण नर्मदा जल योजना में भ्रष्टाचार है। क्योंकि इंदौर और उज्जैन में भी नर्मदा जल नियमित की आपूर्ति होती है। नर्मदा जल योजना में भ्रष्टाचार की न्यायायिक जांच की जाये एवं दोषियों पर एफआईआर दर्ज की जाये।
विगत कई सालों से निमाड़ का मुख्यालय माँ नर्मदा के पास स्थित खंडवा पानी की समस्या से जुझ रहा है। जनप्रतिनिधियों द्वारा 50 किलोमीटर स्थित चारखेड़ा से नर्मदा जल का पानी लाने की योजना बनाई गई जो प्रारम्भ में 106 करोड़ की थी उसके बाद 60 करोड़ और बढ़ाकर 166 करोड़ की हो गयी। फिर भी पानी की समस्या दूर नहीं हुई क्योंकि यह जल योजना विश्वा प्राइवेट कंपनी को ठेके पर देकर 25 साल का अनुबंध किया गया परन्तु कोई हल नहीं निकला। बार-बार
पाइप लाइन फुट जाती है यह पूरी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई और कृत्रिम जलसंकट पैदा कर करोड़ों रूपये खाये जा रहे है। मध्य प्रदेश सरकार
द्वारा फिर से पूरी पाइप लाइन बदलने की योजना बनाई गई है इस योजना में हुये भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच हो और हमे जब तक समस्या का स्थायी हल ना
हो तब तक पानी की आपूर्ति की जाये। हमारे यहां प्राकतिक स्त्रोत बहुत है नागचुन का फिल्टर प्लांट बन्द कर दिया है। जसवाड़ी का फिल्टर प्लांट बन्द कर दिया है कुएं और तालाब की गहरीकरण हो सकता है। इन्ही सब मांगों को लेकर खण्डवा के युवा आंदोलन कर रहे है।