Sun, Dec 28, 2025

Khargone News: अधिकारियों पर ब्लाक कांग्रेस उपाध्यक्ष के बेटे ने उठाया लट्ठ, पुलिस ने अभी तक नहीं किया मामला दर्ज

Written by:Sanjucta Pandit
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Khargone News: अधिकारियों पर ब्लाक कांग्रेस उपाध्यक्ष के बेटे ने उठाया लट्ठ, पुलिस ने अभी तक नहीं किया मामला दर्ज

Khargone News : खरगोन से बडवाह तहसील के ग्राम काटकूट में लंबे समय से शासकीय जमीन पर कुछ लोगों ने दुकान बनाकर अवैध कब्जा कर रखा है। जिसे हटाने के लिए प्रशासन बीते कई समय से प्रयासरत है। वहीं, रविवार को कब्जा हटाने गए अधिकारियों के सामने ब्लाक कांग्रेस उपाध्यक्ष जगदीश पटेल का बेटा लट्ठ लेकर खड़ा हो गया। मौके की नजाकत को देखते हुए अधिकारी भी वापस लौट आए। जिसके बाद सोमवार को पंचायत ने बलवाड़ा थाने में संबंधित के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का आवेदन दिया।

ट्रांसफर करने की धमकी

मिली जानकारी के मुताबिक, कब्जा हटाने के लिए यहां जगदीश दांगी निवासी ग्राम मुंडला जो कि वर्तमान में बड़वाह ब्लाक से कांग्रेस उपाध्यक्ष है। जिसे मौके पर बुलाया गया था लेकिन वह खुद तो अनुपस्थित था। उसकी जगह उसका लड़का अजय लट्ठ लेकर खड़ा हो गया और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगा। साथ ही, इन्हें ट्रांसफर करने तक की धमकी दे डाली। कहा- हमारे रिश्तेदार भी भाजपा में है। खरगोन जिले से बाहर फेंकवा दूंगा। इसके बाद पंचायत सचिव मनोहर मंडलोई ने पुलिस को आवेदन दिया। इस घटना से ग्रामीणों के सामने अधिकारियों की खूब किरकिरी हुई है।

अधिकारियों ने दी ये जानकारी

वहीं, अधिकारियों ने बताया अब जल्द ही पुलिस की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया जाएगा। बता दें कि 28 अप्रैल को नायब तहसीलदार, जनपद पंचायत सीईओ अपने दल-बल के साथ 12 दुकानों पर ताले लगाकर कब्जे में ले लिया था और इन्हें समान ले जाने के लिए 3 दिन का समय भी दिया था। रविवार को होने वाली कार्रवाई में जनपद पंचायत सीईओ रोहित पचौरी अपने पंचायत सचिव व अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे थे।

12 लोगों ने किया अतिक्रमण

मामले को लेकर अधिकारियों का कहना है अब एक बार फिर से पुलिस की कार्रवाई के दौरान ग्रामीण अधिकारियों के सामने लट्ठ लेकर खड़े हो गए। मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत काटकूट में दुकानों पर 12 लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया था। शासन यहां से कब्जा हटाने के लिए बीते कई समय से जद्दोजहद कर रहा था। इस बीच कुछ दुकानों को लेकर मामला उच्च न्यायालय में पहुंच गया। न्यायालय से आदेश मिलने के बाद प्रशासन ने कब्जेदारों को हटाने के लिए दल गठित किया गया।